
Sanderao। स्थानीय नगर सहित आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों में शीतला सप्तमी का पौराणिक धार्मिक पर्व शुक्रवार को भक्ति भावना के साथ हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। तालाब किनारे स्थित शीतला माता मंदिर में अल सुबह से ही महिलाओं की भारी भीड़ लगी रही। महिलाओं ने शीतला माता को बासोड़ा का भोग लगाकर परिवारजनों के लिए खुशहाली की मन्नतें मांगी। शाम को दुदेली माता मंदिर परिसर में गांव शाही गेर नृत्य का आयोजन हुआ जिसमें ग्रामीणों के साथ गेरियो ने पांव में घुंघरू बांध कर जमकर गेर नृत्य किया।
मारवाड़-गोडवाड़ क्षेत्र में होली के सातवें दिन को शीतला सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हिंदू परिवारों में बासी भोजन बनाकर उपयोग में लिया जाता है और बासी भोजन का ही प्रसाद बनाकर शीतला माता का पूजन कर उन्हें यह प्रसाद चढ़ाया जाता है। खासकर चिकन पॉक्स, चेचक, मीजल्स जैसी बीमारियों के बचाव के लिए यह प्रसाद परिवार में बांटा जाता है। इस दिन आग पर बनी और गर्म वस्तुओं का उपयोग परहेज है। पौराणिक परंपराओं के अलावा बदलते मौसम के साथ इसके वैज्ञानिक महत्व भी हैं। गर्मी के मौसम में बीमारियां बढ़ने की सम्भावना रहती हैं। इस त्यौहार मे दही का उपयोग किया जाता है जिसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाकर शरीर का तापमान बनाये रखने मे सहयोगी होता हैं।