पाली (Pali) में शुक्रवार (5 जुलाई, 2025) को आरोग्य भारती, जोधपुर प्रांत (जिला पाली) की ओर से “स्वास्थ्य एवं स्वस्थ जीवनशैली” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम IMA भवन, बांगड़ अस्पताल परिसर में आयोजित हुआ, जिसमें भारतीय चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेद, योग और परंपरागत जीवन मूल्यों पर आधारित स्वास्थ्य अवधारणाओं पर सार्थक विचार-विमर्श किया गया।
संगोष्ठी की शुरुआत वैदिक परंपरा के अनुसार भगवान धन्वंतरि के समक्ष दीप प्रज्वलन से की गई। यह दीप प्रज्वलन पूज्य महंत सुरजनदास महाराज (श्री बड़ा रामद्वारा, खेड़ापा, पाली) के सान्निध्य में संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन से जुड़ा हुआ है। जब व्यक्ति और समाज स्वस्थ होंगे, तभी राष्ट्र सशक्त बनेगा।
विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव
मुख्य अतिथि डॉ. शिवकुमार शर्मा, प्रभारी – राजकीय जिला आयुर्वेद चिकित्सालय, पाली ने कहा कि वर्तमान जीवनशैली की अव्यवस्था, तनाव और खान-पान की आदतें बीमारियों को न्योता दे रही हैं। आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाकर हम जीवन में संतुलन ला सकते हैं।
विशेष अतिथि डॉ. हजारीमल चौधरी, पूर्व अधीक्षक – बांगड़ चिकित्सालय, पाली ने कहा कि वर्तमान में खान-पान की आदतों में पिज़्ज़ा, बर्गर जैसी चीजों ने बच्चों की सेहत पर गंभीर असर डाला है। उन्होंने पारंपरिक भारतीय आहार को अपनाने पर जोर दिया।
मुख्य वक्ता संजीवन कुमार, क्षेत्र संयोजक – उत्तर-पश्चिम क्षेत्र, आरोग्य भारती ने संगठन की स्थापना, उद्देश्य और कार्यशैली पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि “स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ परिवार, स्वस्थ ग्राम, स्वस्थ राष्ट्र” के संकल्प के साथ संगठन देशभर में कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि आरोग्य भारती केवल शारीरिक उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आत्मिक और पर्यावरणीय की दिशा में कार्य करता है।
उन्होंने बताया कि संगठन योग, आयुर्वेद, दिनचर्या, ऋतुचर्या, आहार-विहार, प्राकृतिक चिकित्सा और भारतीय जीवनशैली के माध्यम से समाज को जागरूक कर रहा है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आरोग्य मित्र प्रशिक्षण, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, विद्यालय आरोग्य कार्यक्रम और नशा मुक्ति अभियानों के जरिए समाज को सशक्त किया जा रहा है।
रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी