जैसलमेर (Jaisalmer) पशुपालन एवं डेयरी के क्षेत्र में राजस्थान को देशभर में अव्वल स्टेट बनाने की दिशा में गुरुवार को एक और अध्याय जुड़ गया। पशुपालकों की आय बढाने, ऊंट पालन एवं डेयरी क्षेत्र के सतत विकास के लिए मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार की परामर्शदात्री संसदीय समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री एसपी सिंह बघेल, श्री जॉर्ज कुरियन, एवं सांसद श्री मोहम्मद ताहेर खान, श्री डटेला राजेन्द्र, श्री लक्ष्मीकान्त ‘पप्पू निषाद, राजस्थान के पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के केबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत और पशुपालन एवं डेयरी, भारत सरकार के सचिव श्री नरेशपाल गंगवार, पशुपालन विभाग, राजस्थान सरकार के निदेशक डा. आनंद सेजरा, उप निदेशक डॉ. सुभाष बारी, आरसीडीएफ की एमडी श्रुति भारद्धाज सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं समिति सदस्य उपस्थित रहे। बैठक के दौरान जैसलमेर जिले के लगभग 150 प्रमुख ऊंट पालकों ने भाग लिया एवं ऊंट पालन से जुड़ी समस्याओं, चुनौतियों एवं संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। ऊंटों की नस्ल संरक्षण, ऊंट आधारित उत्पादों के विपणन, डेयरी उद्योग से जुड़ी पहल एवं राज्य में पशुधन विकास की दिशा में ठोस सुझाव प्रस्तुत किए गए। हमारा संकल्प- राजस्थान बने देश की श्मिल्क कैपिटलश् रू जोराराम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग, राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें पशुपालन गतिविधियों से जोड़े जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। पशुपालन से किसानों की आय बढ़ेगी और वे आत्मनिर्भर होंगे। जोराराम कुमावत ने कहा कि यह हमारा संकल्प है कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन निरंतर बढ़े और प्रदेश को देश की श्मिल्क कैपिटलश् बनाया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ दुग्ध उत्पादों की बेहतर ब्राडिंग, गोवंश की समुचित देखभाल, वेटनरी क्षेत्र में आवश्यक प्रशिक्षण और उन्नत अधोसंरचना स्थापित करने में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता का हरसंभव लाभ लिया जा रहा है। वर्ष 2030 तक गांवों तक डेयरी नेटवर्क का विस्तार सुनिश्चित किया जाना है। बढ़े हुए दुग्ध संकलन का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए आधुनिकतम दुग्ध प्रसंस्करण अवसंरचना विकसित की जाएगी। प्रदेश में निर्मित होने वाले दुग्ध उत्पादों की राष्ट्रीय स्तर पर ब्राडिंग सुनिश्चित की जाएगी। बैठक के दौरान प्रदेश के पशु चिकित्सा के क्षेत्र में विकास के लिए विभिन्न योजनाओं में केंद्र सरकार से अतिरिक्त बजट आवंटन की मांग की। उन्होंने राज्य में कुल 4850 नए पशु चिकित्सा उपकेंद्र, पशु चिकित्सालय व बहुउदेशीय पशु चिकित्सालयों के नए भवन व चारदीवारी के निर्माण के लिए 2297 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। श्री कुमावत ने केंद्रीय प्रवर्तित-राष्ट्रीय प्रोग्राम फॉर डेयरी डवलपमेंट की डीटीसी-जेआईसीए कम्पोनेंट-बी योजना के अंतर्गत कोटा व उदयपुर में नए कैटल फीट प्लांट की स्थापना के लिए कुल 142.44 करोड़ रुपए आंवटित करने की मांग की। साथ ही श्री कुमावत ने राजस्थान में देशी गायों के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु इकाई आधारित अनुदान सहायता उपलब्ध कराए जाने, वहीं, श्री जोराराम कुमावत ने केंद्रीय मंत्री से राज्य को ब्राजील से आयातित उच्च अनुवांशिक गुणवत्ता वाले गिर गौवंश के दस हजार सीमन डोजेज निरूशुल्क उपलब्ध करवाने तथा राज्य को लम्पी प्रो वैक्सीन उपलब्ध करवाने भी आग्रह किया। उन्होंने प्रदेश में ऊंटनी के दूध की बिक्री को बढाने के लिए मिल्क पाउडर प्लांट लगाने के लिए केंद्र सरकार से मदद का आह्वान किया। राजस्थान में ऊंटनी के दूध का पाउडर प्लांट लगाने पर विचार बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ऊंट पालन एवं डेयरी क्षेत्र के सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर पशुपालकों के विकास के लिए हरसंभंव सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने प्रदेश में ऊंटनी के दूध का पाउडर प्लांट लगाने के लिए विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसे मरुस्थलीय क्षेत्रों में ऊंट न केवल सांस्कृतिक पहचान हैं बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है। ऐसे में ऊंट पालकों के हित में राजस्थान सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्तावों पर शीघ्र-अतिशीघ्र निर्णय लिया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्री एसपी सिंह बघेल एवं श्री जॉर्ज कुरियन ने भी ऊंट पालकों से संवाद किया और उनके सुझावों को नीति निर्माण में शामिल करने का आश्वासन दिया। इस दौरान अतिथियों ने डेयरी विकास की विभिन्न योजनाओं पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा
