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राजस्थान के बाड़मेर का सीमावर्ती गांव नांद क्षेत्र में घायल तिलोर पक्षी की सूचना ग्रीनमैन नरपतसिंह को प्राप्त हुई। ग्रीनमैन ने रेस्क्यू कर नीजी स्तर पर उपचार कर पक्षी को सुरक्षित जगह पर स्वतंत्र छोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक, बस्टर्ड समूह के दुर्लभ पक्षी तिलोर (होबारा बस्टर्ड) को स्वतंत्र उड़ान के लिए छोड दिया। रेस्क्यू किए बस्टर्ड के दोनों पैर की टहनी पर खुन आ रहा था। तिलोर अबु धाबी स्थित कृत्रिम प्रजनन केंद्र के है। ये दुर्लभ पक्षी मध्य एशिया के अरब क्षेत्र से पश्चिमी राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्र में विचरण के लिए हर साल शीतकाल में प्रवास पर आते है। लेकिन ये एक तिलोर पक्षी अपने झुंड से बिछड़ कर पीछे रह गया। तिलोर गोडावण प्रजाति का पक्षी हैं। इस पक्षी को ज्यादा धूप पसंद नहीं होती है। खासकर सुबह व शाम के समय पानी पीने के लिए आता है।