मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय अनियमितताओं के मद्देनजर न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक (New India Cooperative Bank) के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। दूसरी ओर, प्रभादेवी और गोरेगांव शाखाओं में 122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में बैंक के जरनल मैनेजर और मुख्य लेखा अधिकारी हितेश मेहता के खिलाफ दादर पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज किया गया है। यह मामला शनिवार (15 फरवरी, 2025) को दर्ज किया गया है।
इस बीच जानकारी मिली है कि मामला अब जांच के लिए वित्तीय अपराध विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है। दादर थाने में दर्ज इस अपराध में धारा 316(5), 61(2) भा. संहिता 2023 के तहत कार्रवाई की गई है। वादी का नाम देवर्षि शिशिर कुमार घोष है और वह बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। इस मामले में दर्ज जानकारी के मुताबिक यह अपराध 12 फरवरी 2025 से पहले हुआ था और अब इसमें 15 फरवरी की रात ढाई बजे दर्ज किया गया है। यह घटना न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की एस व्ही नागवेकर मार्ग प्रभादेवी शाखा में हुई।
आरोपी हितेश मेहता (जनरल मैनेजर और लेखा प्रमुख) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और बताया गया है कि उसने 122 करोड़ का घोटाला किया है। यह आरोप लगाया गया है कि आरोपी और उसके अन्य साथियों ने बैंक के जनरल मैनेजर और प्रमुख लेखा के रूप में एक दूसरे के साथ साजिश रची और लगभग रुपये का गमन किया। इस बीच, मामले और जांच को आगे की जांच के लिए आर्थिक अपराध विभाग, मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया है।
रिजर्व बैंक की कार्रवाई
रिजर्व बैंक ने दो दिन पहले न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस बैंक के मुंबई निदेशक मंडल को 12 महीने के लिए भंग कर दिया गया है। इसे आरबीआई द्वारा निदेशक मंडल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। आरबीआई की ओर से अब इस बैंक में प्रशासक नियुक्त किया गया है। प्रशासक की सहायता के लिए एक सलाहकार समिति भी नियुक्त की गई है। इसमें आरबीआई के पूर्व महाप्रबंधक रवींद्र सप्रा और सीए अभिजीत देशमुख को नियुक्त किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर भी सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं। अब से यह बैंक किसी को नया लोन नहीं दे सकेगा। इतना ही नहीं, मौजूदा लोन को रिन्यू भी नहीं कर पाएंगे। बैंक नई जमा भी स्वीकार नहीं कर पाएगा और कोई निवेश भी नहीं कर पाएगा। बैंक में हालिया वित्तीय अनियमितताओं को देखते हुए और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए ये कदम उठाए गए हैं। ये प्रतिबंध 13 फरवरी से लागू कर दिए गए हैं। यह अब अगले 6 महीने तक लागू रहेगा।