
मुंबई। अदाणी समूह और महाराष्ट्र सरकार के संयुक्त उपक्रम ‘धारावी पुनर्विकास परियोजना’ के लिए धारावी के डिजिटल सर्वे के शुरुआत हो गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए आज से दस्तावेज इकट्ठा किए जा रहे हैं। इसके बाद पात्र और अपात्र लोग तय होंगे। इस पुनर्विकास परियोजना के लिए धारावी का सर्वे सरकार कर रही है, ऐसे में सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र सिक्योरिटी फोर्स को तैनात किया गया है।
डिजिटल सर्वे के बाद सरकार ही दस्तावेज की जांच भी करेगी। धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट और स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) की टीमें सर्वे के लिए पहुंच गई हैं. बता दें कि 18 मार्च को नंबरिंग हुई थी और अब 1 अप्रेल से दस्तावेज देखे जा रहे हैं। इसकी शुरुआत कमला रमण नगर इलाके की गई है।
काम चुनौती पूर्ण
एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती धारावी में रहने वाले नागरिकों की पात्रता तय करने के लिए डिजिटल सर्वे शुरू हो चुका है। महाराष्ट्र सिक्योरिटी फोर्स की सुरक्षा में सरकार की कई टीमें मुंबई की धारावी में डिजिटल सर्वे का चुनौतीपूर्ण काम कर रही है। धारावी का सर्वे सरकार कर रही है और एक ऐप पर सारा डेटा अपलोड किया जा रहा है।
सभी को मिलेगा घर
धारावी प्रोजेक्ट की खासियत है कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि पात्र और अपात्र सभी को ही घर दिए जाएंगे। पात्र लोगों को 350 वर्गफुट का घर मिलेगा। जिसमें टॉयलेट और बाथरूम भी होगा।
डोर टू डोर सर्वे
कमला रमण नगर में नंबरिंग का काम पूरा हो गया है, इसके बाद अब डोर-टू-डोर सर्वे शुरू हुआ है। इस दौरान घर में रहने वाले लोगों का पूरा डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। इसमें मकान के कागजात, बिजली का बिल, आधार कार्ड आदि दस्तावेज इकट्ठा करने के साथ ही घर के सदस्यों का बायोमेट्रिक डेटा भी इकट्ठा किया जा रहा है।