राजस्थान के रानीवाड़ा उपखण्ड क्षेत्र के गोलवाड़ा गांव में 16 मार्च को हुई संदिग्ध मौत में आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर गोलवाड़ा के ग्रामीणों ने मंगलवार को पुलिस थाने के सामने धरना दिया। बाद में धरनािर्थयों को समझाकर उन्हे उपखंड अधिकारी कार्यालय भेजकर धरना शुरू किया गया। ज्ञात हो कि गोलवाड़ा के एक खेत में 16 मार्च को 50 साल के छगनाराम मेघवाल की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई।
मौके पर पांच व्यक्ति मौजूद थे। परिजनों ने बताया कि पांचों नामजद आरोपियों ने छगनाराम का गला दबाकर और मारपीट कर चोटें पहुंचाई, जिससे उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट पर पुलिस ने हत्या की धाराओं में मामला दर्ज किया। पुलिस के अनुसार मामला हत्या का प्रतीत नही होता है। मृतक से आरोपी उधार की रकम वसूलने के लिए उसके खेत पर गए थे। मृतक की मौत करंट लगने से होनी प्रतीत होती है।
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में करंट का हवाला दिया गया है। ऐसे में कस्टडी में लिए आरोपी को भी पुलिस ने पूछताछ के बाद जाने दिया। इस पर गोलवाड़ा के ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए हुए विरोध किया। मंगलवार को गोलवाड़ा के सभी समाज के लोगों ने पुलिस थाने के सामने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांगों को लेकर धरना दिया।
बाद में पुलिस ने चुनाव आचार संहिता और धरने की परमिशन नहीं होने का हवाला देते हुए भीड़ को उपखंड कार्यालय जाने के लिए कहा गया। लोगों ने उपखंड अधिकारी रमेश देव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर जांच बदलवाने की मांग की गई। इस दौरान विधायक रतन देवासी, कानाराम चैधरी, सरपंच प्रतिनिधि लसाराम पुरोहित, पूर्व सरपंच नेबाराम, आसूराम, लीलाराम व करमीराम , करणाराम, छैलाराम, गलबाराम और हाजुराम सहित कई जने मौजूद रहे।