Pali। तेरापंथ धर्मसंघ की विदुषी साध्वी काव्यलता आदि ठाणा-4 का शुक्रवार सुबह पाली नगर में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ। “युगप्रधान” आचार्य महाश्रमण की इस शिष्या का पाली आगमन श्रावक समाज के लिए आध्यात्मिक उल्लास का क्षण रहा। प्रातः 9:15 बजे महावीर नगर स्थित भिक्षु साधना केंद्र से साध्वीश्री का संयमित और अनुशासित पंक्तिबद्ध प्रवेश मंडिया रोड स्थित तेरापंथ सभा भवन की ओर हुआ। इस दौरान श्रावक पुरुषों ने शुभ्र वस्त्र और महिलाओं ने केशरिया परिधान धारण कर अहिंसा रैली के रूप में सहभागिता की। यह रैली आध्यात्मिक अनुशासन और तप की प्रतीक बनी।
सभा भवन में साध्वीश्री के स्वागत में एक गरिमामय कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसकी शुरुआत महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण के साथ हुई। गायक शिखरचंद चौरड़िया और कवि प्रमोद भंसाली ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिभाव से सराबोर किया। महासभा सदस्य गौतम छाजेड़, श्रीसंघ अध्यक्ष रमेश मरलेचा, डूंगरचंद चौपड़ा और विनिता बैगानी सहित कई श्रद्धालुओं ने अपने भावपूर्ण शब्दों से साध्वीश्री के प्रति श्रद्धा अर्पित की। कार्यक्रम में साध्वी ज्योतियशा, राहत प्रभा और सुरभि प्रभा ने सामूहिक गीतिका प्रस्तुत कर आयोजन को विशेष स्वरूप प्रदान किया।
साध्वी काव्यलता ने अपने प्रवचन में पाली की धर्मनगरी के रूप में महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि पचीस वर्ष पूर्व उनके चातुर्मास की स्मृति आज भी जीवंत है। उन्होंने चार माह के इस आध्यात्मिक कालखंड को धर्माराधना, जप, तप और आत्मकल्याण का माध्यम बताया। साध्वीश्री ने श्रावक समाज को संयम, साधना और आत्मिक जागरण की ओर अग्रसर होने का संदेश दिया।
इस अवसर पर तेरापंथ सभा अध्यक्ष भूरचंद तातेड़, मंत्री प्रकाश कांकलिया, केशरीमल कटारिया, सुरेंद्र दुग्गड़, गुमानमल भंसाली, महावीर सालेचा, राकेश पटावरी, अशोक नाहर, भीमराज खाटेड, पीयूष चौपड़ा, विपिन बाठिया, किरण पटावरी, सुशमा डागा, सीमा मरलेचा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने साध्वीश्री से आगामी चार माह तक धर्म, संयम और आत्मिक उत्थान की प्रेरणा प्राप्त कर चातुर्मास को सार्थक बनाने का संकल्प लिया।
रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी