
बाड़मेर ( Barmer) कृषि को ग्रामीण युवाओं के लिए एक आकर्षक और लाभकारी उद्यम बनाने के उद्देश्य से संचालित ‘आर्या परियोजना’ के तहत कृषि विज्ञान केंद्र गुड़ामालानी में चल रहे 15 दिवसीय व्यावसायिक बकरी पालन प्रशिक्षण के प्रतिभागियों के लिए एक प्रेरणादायक शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया गया।प्रशिक्षणार्थियों ने बाटाडू तहसील के झाक गांव में स्थित आईजी थार विलेज में डॉ देवाराम पंवार के सफल बकरी फार्म का दौरा किया, जिसे एक आदर्श व्यावसायिक मॉडल के रूप में देखा जाता है। यह भ्रमण प्रतिभागियों को वैज्ञानिक ज्ञान को व्यावहारिक अनुभव से जोड़ने का अवसर प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण था। आर्या परियोजना के नोडल अधिकारी डॉ. गीतेश मिश्र ने जानकारी दी कि इस प्रशिक्षण में 16 युवा (जिनमें 3 महिलाएँ और 13 पुरुष शामिल हैं) भाग ले रहे हैं, और यह प्रशिक्षण 10 नवंबर तक जारी रहेगा। उन्होंने युवाओं को बकरी पालन को एक सफल और टिकाऊ व्यवसाय मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए नवीनतम वैज्ञानिक विधियों को आत्मसात करने के लिए प्रोत्साहित किया।केवीके वैज्ञानिक डॉ. विकास कुमार ने स्वागत करते हुए बाड़मेर जिले में बकरी पालन की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि जिले में लगभग 2.9 मिलियन बकरियां होने के बावजूद, वैज्ञानिक प्रशिक्षण के अभाव के कारण रोजगार सृजन अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाया है। उन्होंने विशेष रूप से छोटे एवं सीमांत किसानों और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की आय में वृद्धि के लिए बकरी पालन के वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने की अनिवार्यता पर जोर दिया। रोल मॉडल फार्म से व्यावहारिक ज्ञानभ्रमण के दौरान, आईजी थार विलेज के संस्थापक डॉ देवाराम पंवार ने अपने राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत स्थापित फार्म का विस्तृत दौरा कराया।
उनके फार्म में सिरोही, सोजत और मारवाड़ी नस्ल की 525 बकरियां और नर बकरे पाले जाते हैं।डॉ पंवार ने प्रशिक्षुओं को निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर व्यावहारिक एवं विस्तृत जानकारी दी: योजना का लाभ: राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज़। स्वास्थ्य प्रबंधन: बकरियों के लिए टीकाकरण की सही समय-सारणी और रोगों से बचाव के उपाय। पोषण प्रबंधन: स्वस्थ और तेज विकास के लिए बकरियों को दिए जाने वाले संतुलित आहार की जानकारी।मूल्य संवर्धन की प्रेरणाइस दौरान, आईजी थार विलेज की निदेशक धापू ने प्रशिक्षणार्थियों के सामने बकरी के दूध से साबुन निर्माण का एक आकर्षक डेमो प्रस्तुत किया। इस पहल ने यह दर्शाया कि बकरी पालन में दुग्ध उत्पादों के मूल्य संवर्धन के माध्यम से कैसे अतिरिक्त आय अर्जित कर एक पूर्ण उद्यम स्थापित किया जा सकता है। उद्यमी बनें, रोल मॉडल बनेंसहायक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, बायतु सुरेश कुमार शर्मा ने सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की सराहना करते हुए सभी प्रशिक्षार्थियों को उद्यम की तरफ मजबूत कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। शिक्षाविद् पुखराज चौधरी ने आईजी थार विलेज पर आयोजित होने वाली गतिविधियों से महत्वपूर्ण सीख लेने की अपील की।यह शैक्षिक भ्रमण केवीके गुड़ामालानी के आर्या परियोजना के तहत युवाओं को केवल तकनीकी ज्ञान देने तक सीमित न रहकर उन्हें प्रेरणा और आत्मविश्वास देने का एक सफल प्रयास रहा है, ताकि वे सफल पशुपालन उद्यमी बन सकें।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल
