अजमेर (Ajmer) महर्षि दयानंद सरस्वती महाराज की उतराधिकारी परोपकारिणी सभा के तत्वाधान में महर्षि दयानंद के 142 वें बलिदान दिवस और आर्य समाज स्थापना के 150 साल पूरे होने के अवसर पर ऋृषि उद्यान पुष्कर रोड अजमेर मे आयोजित भव्य मेले में आज दोपहर 2: 30 बजे वासुदेव आर्य एवं उनकी धर्मपत्नी, जगदीश प्रसाद नीमच सहित 6 ऋषिभक्तो को स्वामी ओमानंद जी सरस्वती, स्वामी विदेहयोगी जी, स्वामी मोक्षानंद जी के आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन में आचार्य योगेंद्र याग्निक जी ब्रह्मा द्वारा वानप्रस्थ आश्रम की दीक्षा दी गई। मूनि सत्यजीत ने नव वानप्रस्थियो को उपदेश एवं आर्शीवाद दिया। इस दौरान पाण्डाल वैदिक धर्म की जय महर्षि दयानन्द सरस्वती महाराज की जय, आर्य समाज अमर रहे के नारों से गुंजायमान हो उठा।
इससे पूर्व सुबह 5,0 ध्यान आसन प्राणायाम, 10 बजे विधिवत ध्वजारोहण 10:30 बजे उद्धाटन सत्र एवं दोपहर 2:30 बजे वेदों की उपादेयता और रक्षा विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित हुई। आर्य समाज स्थापना के 150 वां शताब्दी समारोह के उपलक्ष मे मेले में देशभर से प्रमुख सन्यासी, साधु महात्मा और आर्यजन सहित आर्य जगत के साधु सन्यासी पधारे हैं। एक अनुमान के अनुसार इस बार दस हजार से अधिक ऋषिभक्तो का आगमन होगा।
ऋषि मेरे की तिथियों के परिवर्तन के बारे में पुछने पर परोपकारिणी सभा के प्रधान ओम मुनि एवं मंत्री कन्हैयालाल आर्य ने बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती एवं आर्य समाज की स्थापना के150 साल पूरे होने पर दिल्ली में 30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन आयोजित हो रहा है । इस महाआयोजन के समय को ध्यान में रखते हुए इस बार अजमेर में राष्ट्रीय स्तर का यज्ञ कार्यक्रम दीपावली से पहले आयोजित हो रहा है।
ऋषि उद्यान को दुल्हन की तरह सजाकर आकर्षक रोशनी की सजावट की गई है। मेले में योग सत्र, सन्यास दीक्षा, समान समारोह, वैदिक विषयों पर विभिन्न सत्र सहित अनेक कार्यक्रम आयोजित हों रहे हैं । महर्षि दयानंद सरस्वती के निर्माण स्थली अजमेर होने के कारण आर्यों के लिए यह स्थान और आयोजन महत्वपूर्ण है। प्रतिवर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अधिक आर्यो की उपस्थिति में विभिन्न आयोजनों के साथ महर्षि दयानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
रिपोर्ट – घेवरचन्द आर्य