प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) आज रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। यह संबोधन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले और उसके बाद शुरू हुए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के समाप्ति के बाद उनका पहला आधिकारिक वक्तव्य होगा।
यह ऑपरेशन 7 मई को शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाना था। यह कदम उस आतंकी हमले के जवाब में उठाया गया जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। मृतकों में 24 भारतीय पर्यटक, नेपाल से आए एक यात्री और एक स्थानीय घोड़ा चालक शामिल थे। जांच में सामने आया कि आतंकियों ने पहले धार्मिक पहचान के आधार पर लोगों की पहचान की और फिर उन्हें गोली मार दी।
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक स्थानीय सहयोगी गुट ने ली थी। जांच में यह भी पता चला कि हमलावरों में से तीन पाकिस्तानी नागरिक थे। देशभर में हमले के बाद गुस्सा भड़क उठा, जिसके बाद भारत सरकार ने कई कूटनीतिक कदम उठाए। इसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द करना और अटारी बॉर्डर को बंद करना शामिल है।
7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर के नौ अलग-अलग स्थानों पर आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय तबाह कर दिए गए और करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया। इनमें पुलवामा हमले (2019) और आईसी 814 विमान अपहरण (1999) से जुड़े आतंकी भी शामिल थे। मारे गए आतंकियों में लश्कर के मुदस्सर खडियान खास और अबू अकाशा, जैश के मोहम्मद यूसुफ अज़हर, हाफिज जलील और मोहम्मद हसन खान प्रमुख थे।
भारत की इस कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब की सीमाओं पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए। इसके साथ ही नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलेबारी भी जारी रही। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए। इनमें रफीक़ी, मुरिद, चकलाला, रहीम यार खान, सगोधा और भोलारी जैसे ठिकाने शामिल थे। भारतीय वायुसेना ने लाहौर और गुजरांवाला के पास के रडार केंद्रों को भी निशाना बनाया। इस सैन्य कार्रवाई को ऑपरेशन ‘सिंदूर’ का ही हिस्सा बताया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को पूरी स्वतंत्रता दी थी कि वे स्थान, समय और तरीके का चुनाव स्वयं करें।
शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम पर सहमति बन गई है। कुछ ही देर बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस बात की पुष्टि की। हालांकि भारत सरकार ने अमेरिकी मध्यस्थता की कोई पुष्टि नहीं की है और कहा है कि यह सहमति पाकिस्तान की ओर से एक शीर्ष सैन्य अधिकारी द्वारा भारत से संपर्क किए जाने के बाद दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हुई बातचीत के परिणामस्वरूप बनी।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में अगर पाकिस्तान की ओर से कोई आतंकी हमला होता है, तो उसे “युद्ध की कार्यवाही” माना जाएगा और उसी स्तर की जवाबी कार्रवाई की जाएगी।