
जम्मू-कश्मीर के पुंछ ज़िले में नियंत्रण रेखा (LoC) पर बुधवार सुबह पाकिस्तान की ओर से की गई भीषण तोपों की गोलाबारी में कम से कम 12 नागरिकों की मौत हो गई और 42 अन्य घायल हो गए। यह हमला भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले करने के कुछ घंटों बाद हुआ। भारत ने यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में की थी, जिसमें 22 अप्रैल को 26 निर्दोष लोग मारे गए थे।
पुंछ (Poonch) पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि मृतकों में चार बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी उम्र 7 से 14 वर्ष के बीच थी। इनमें दो सगे भाई-बहन थे। मृतकों में सिख समुदाय के चार सदस्य, जिनमें एक महिला शामिल थी, और दारुल उलूम मदरसे के मौलवी कारी मोहम्मद इकबाल भी शामिल हैं।
सीमा पर दहशत, गांव खाली होने लगे
बिना किसी भेदभाव के की गई इस गोलाबारी से सीमा पर बसे गांवों में भारी दहशत फैल गई। कई लोग अपने घर छोड़कर बंकरों में छिप गए या फिर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे। बालाकोट, मेंढर, मनकोट, सगरा, कृष्णा घाटी, गुलपुर, केर्नी और यहां तक कि पुंछ जिला मुख्यालय पर भी गोलाबारी की सूचना है, जिससे कई घरों को नुकसान पहुंचा।
पाकिस्तानी गोलाबारी की चपेट में आकर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा और क्राइस्ट स्कूल, पुंछ को भी नुकसान पहुंचा। पुंछ के निवासी दर्शन भारती ने बताया, “गांव के लोग जम्मू में अपने रिश्तेदारों के घर जा रहे हैं। शहर में भारी दहशत है और ईंधन स्टेशनों पर लंबी कतारें लगी हैं।” पुछ के डिप्टी कमिश्नर विकास कुंडल और जिला पुलिस प्रमुख शफकत हुसैन से संपर्क नहीं हो पाया।
मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है
मृतकों में शामिल हैं – आदिल अहमद (सगरा, मेंढर), हुसैन सलीम (बालाकोट), रूबी कौर (33, मनकोट), ज़ैन मोहम्मद (10, मंडी क्षेत्र का कालानी गांव), अकरम अली (55, सुक्का कथा मोहल्ला), अमरीक सिंह (सैंडिगेट), रणजीत सिंह (सैंडिगेट), अमरजीत सिंह (सैंडिगेट), ज़ोया फ़ातिमा (12, कालानी गांव, मंडी), रफ़ी मोहम्मद (36, कोजरा – बांदीचेचियां क्षेत्र) और इकबाल अहमद (45, बैला गांव)।
क्षेत्र में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं और सुरक्षा एजेंसियों ने संवेदनशील स्थानों पर निगरानी कड़ी कर दी है।