
Air India की लंदन जाने वाली फ्लाइट AI171, जो 12 जून को अहमदाबाद में उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, उस हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। पायलटों के संगठन ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स’ (FIP) ने इस रिपोर्ट पर नाराज़गी जताई है और कहा है कि जांच में पायलटों के प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया।
FIP ने कहा है कि बिना पूरी और विस्तृत जांच के किसी पर आरोप लगाना न केवल जल्दबाज़ी है, बल्कि गैर-जिम्मेदाराना भी है। संगठन का कहना है कि इससे पायलटों की छवि को नुकसान होता है और उनके परिवारों व साथियों को बेवजह तकलीफ होती है। यह बयान उस वक्त आया है जब जांच एजेंसी AAIB ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि टेक-ऑफ के तुरंत बाद विमान के दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ मोड में चले गए थे। रिपोर्ट में पायलटों की बातचीत का भी ज़िक्र है, जिसमें एक पायलट पूछता है – “तुमने कटऑफ क्यों किया?” और दूसरा कहता है – “मैंने नहीं किया।”
इस रिपोर्ट के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि हादसे की वजह पायलटों की गलती हो सकती है। लेकिन FIP ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि रिपोर्ट में सिर्फ कुछ बातों को चुनकर दिखाया गया है, जिससे ऐसा लगता है जैसे पायलट से गलती हुई हो। FIP ने यह भी कहा कि जांच में पूरे डेटा को शामिल नहीं किया गया और पायलटों की प्रोफेशनल योग्यता पर सवाल उठाना गलत है। संगठन ने अपील की है कि जब तक जांच पूरी न हो, तब तक किसी नतीजे पर न पहुंचा जाए। इस रिपोर्ट के बाद देश की विमानन निगरानी एजेंसी DGCA ने सभी बोइंग 787 और 737 विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच के आदेश दिए। एयर इंडिया ने बाद में बताया कि उनकी इंजीनियरिंग टीम ने यह जांच पूरी कर ली है और किसी तरह की तकनीकी खराबी नहीं पाई गई।
बता दें कि 12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरते ही एयर इंडिया की यह फ्लाइट दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे में 260 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें 241 यात्री शामिल थे। हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट 12 जुलाई को जारी की गई।