वाराणसी में ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा-पाठ पर रोक लगाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। मुस्लिम पक्ष की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एडवोकेट जनरल (एजी) को लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रखने का निर्देश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।
इससे पहले, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने व्यास तहखाने में पूजा-पाठ रोकने से जुड़ी याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को पहले हाईकोर्ट जाने का सुझाव दिया था। शुक्रवार को हाईकोर्ट में दोनों पक्षों की बहस हुई। इसके बाद बेंच ने राज्य सरकार से वाराणसी की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट को बताया कि वाराणसी कोर्ट ने 7 दिन में पूजा की व्यवस्था तहखाने में करने का निर्देश दिया था। हालांकि, डीएम ने महज 7 घंटे में ही पूजा की प्रक्रिया शुरू करा दी। इससे वहां अफरातफरी मच का माहौल बन गया।
‘मुस्लिम पक्ष 17 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती देने की बजाय ज्ञानवापी में पूजा रोकने की मांग करने कोर्ट पहुंचा था।’ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब मुस्लिम पक्ष से अपनी याचिका में संशोधन करने को कहा है। अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी।
नमाज को पहुंचे मो. यासीन
अंजुमन इंतजामिया कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी मो. यासीन भी ज्ञानवापी पहुंचे। मीडिया के रोकने पर यासीन ने कहा कि मेरी कोई नाराजगी नहीं है, मैं हाथ जोड़ता हूं, नमाज का वक्त है, जाने दीजिए। इससे पहले गुरुवार देर रात तक प्रशासनिक अफसरों ने दोनों समुदाय के साथ बैठकें कीं। डीसीपी, एडीसीपी और एसीपी ने अपने-अपने क्षेत्रों में बैठकें कीं। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है।
लोकल इंटेलिजेंस यूनिट भी अलर्ट मोड पर है। हाई अलर्ट के बीच पुलिस की टीमों ने अलग-अलग क्षेत्रों में रूट मार्च भी किया। संदिग्धों से पूछताछ कर घरों में रहने की हिदायत दी गई। अफसरों ने अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। पड़ोसी जिले गाजीपुर-चंदौली से भी फोर्स मंगाई गई है।1700 नमाजी पहुंचे ज्ञानवापी
शुक्रवार की नमाज में 1700 लोग नमाज पढ़ने ज्ञानवापी पहुंच गए। जबकि सामान्य तौर पर यहां 300 से 500 लोग पहुंचते थे।
अंदर परिसर फुल होने के बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के चलते नमाजियों को बाहर ही रोक दिया। पुलिस ने उनसे आसपास की मस्जिद में जाने की अपील की। पुलिस ने वहां अनाउंसमेंट भी कराया। मुस्लिम पक्ष ने भी लोगों से यह अपील की। कोर्ट द्वारा दर्शन पूजन की अनुमति मिलने के बाद यह पहला शुक्रवार था।
पुलिस का भारी बंदोबस्त
ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा-पाठ के विरोध में मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने काशी बंद का शुक्रवार को आह्वान किया था। कमेटी ने दावा किया कि 1993 तक तहखाने में कोई पूजा-पाठ नहीं हुई। मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने मुसलमानों से शांतिपूर्वक नमाज की अपील की थी। इसे देखते हुए गुरुवार रात से ही ज्ञानवापी के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है।
हिंदू समुदाय ने की पूजा-पाठ
शुक्रवार को तहखाने में स्थापित विग्रह की पूजा की गई। भोर में 3:30 बजे मंगला आरती संपन्न हुई। जो दर्शनार्थी काशी विश्वनाथ का दर्शन कर रहे हैं, वे तहखाने का भी 20-22 फीट दूर से दर्शन कर रहे हैं। तहखाने की एंट्री पर बैरिकेडिंग की गई है। पुलिस बल तैनात है। इससे पहले तहखाने में 31 साल बाद बुधवार देर रात 11 बजे मूर्तियां रख कर पूजा-अर्चना की गई। वहीं, मुस्लिम पक्ष के बंद का संतों ने विरोध किया। अखिल भारतीय संत समिति ने वाराणसी बंद का विरोध किया।