
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह एयर इंडिया विमान दुर्घटना (Air India Plane Crash) की जांच में संयुक्त राष्ट्र (UN) के किसी भी विशेषज्ञ को शामिल करने की अनुमति नहीं देगा। यह जानकारी मामले से जुड़े दो वरिष्ठ सूत्रों ने समाचार एजेंसी Reuters को दी है। अहमदाबाद में 12 जून को हुई इस भयावह दुर्घटना में 260 लोगों की जान चली गई थी, जो पिछले एक दशक की सबसे बड़ी विमानन दुर्घटना मानी जा रही है।
इससे पहले इसी सप्ताह, UN की विमानन एजेंसी International Civil Aviation Organization (ICAO) ने भारत को अपनी ओर से एक जांचकर्ता भेजने की असामान्य पेशकश की थी। ICAO पहले भी कुछ मामलों—जैसे 2014 में मलेशियाई विमान की गोलीबारी से मौत और 2020 में यूक्रेनी विमान हादसे—में अपनी भूमिका निभा चुका है, लेकिन तब सदस्य देशों ने खुद सहायता मांगी थी।
सूत्रों के मुताबिक, ICAO ने भारत से आग्रह किया था कि उनके अधिकारी को “ऑब्जर्वर” (निरीक्षक) का दर्जा दिया जाए, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
AAIB के नेतृत्व में जांच, बयान से इंकार
भारत की Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) इस हादसे की जांच कर रही है, लेकिन एजेंसी ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ICAO की तरफ से भी तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
ब्लैक बॉक्स डेटा में देरी, पारदर्शिता पर सवाल
हादसे के दो सप्ताह बाद ही फ्लाइट रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) का डेटा डाउनलोड किया गया, जिसे लेकर सुरक्षा विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है। 13 जून को एक ब्लैक बॉक्स मिला था जबकि दूसरा 16 जून को बरामद किया गया। इन रिकॉर्डरों को भारत में पढ़ा जाएगा या अमेरिका में—इस पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है, जबकि National Transportation Safety Board (NTSB) अमेरिका से जांच में सहयोग कर रही है।
भारत सरकार ने इस पूरे मामले पर सिर्फ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें सवाल-जवाब नहीं लिए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि Annex 13 के तहत अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार, ब्लैक बॉक्स को कहां डिकोड किया जाएगा, इसका फैसला तुरंत होना चाहिए ताकि भावी हादसों से बचा जा सके।
मंत्रालय का पक्ष: “ICAO प्रोटोकॉल का पालन किया”
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि भारत ICAO के सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है और मीडिया को समय-समय पर महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी दी जा रही है।
प्रारंभिक रिपोर्ट 30 दिनों में संभव
विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादातर विमान हादसे एक साथ कई कारणों से होते हैं। इस दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट अगले 30 दिनों के भीतर जारी किए जाने की संभावना है।