रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत बच्चों को बचाने की जिम्मेदारी भी निभा रहा है।
आरपीएफ मध्य रेल ने “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के दौरान मध्य रेल के रेलवे स्टेशन प्लेटफार्मों से गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) और अन्य फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों के साथ समन्वय में 655 लड़कों और 303 लड़कियों सहित 958 बच्चों को बचाया है।
इसमें चाइल्डलाइन जैसे गैर सरकारी संगठनों की मदद से अपने माता-पिता से दोबारा मिलने वाले लड़के और लड़कियां शामिल हैं। जो बच्चे किसी झगड़े या कुछ पारिवारिक मुद्दों के कारण या बेहतर जीवन या शहर की चकाचौंध आदि की तलाश में अपने परिवार को बताए बिना रेलवे स्टेशनों पर आते हैं, उन्हें प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मियों द्वारा ढूंढा जाता है।
ये प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मी बच्चों से जुड़ते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और उन्हें अपने माता-पिता से दोबारा मिलने के लिए सलाह देते हैं। कई माता-पिता रेलवे की इस नेक सेवा के लिए अपनी गहरा सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
मध्य रेल पर अप्रेल 2023 से जनवरी 2024 के दौरान बचाए गए बच्चों में मुंबई मंडल ने सबसे अधिक 289 बच्चों को बचाया, जिनमें 175 लड़के और 114 लड़कियां शामिल हैं। भुसावल मंडल ने 270 बच्चों को बचाया, जिनमें 169 लड़के और 101 लड़कियां शामिल हैं।
पुणे मंडल ने 206 बच्चों को बचाया, जिनमें 198 लड़के और 8 लड़कियां शामिल हैं। नागपुर मंडल ने 132 बच्चों को बचाया, जिनमें 76 लड़के और 56 लड़कियां शामिल हैं। सोलापुर मंडल ने 61 बच्चों को बचाया, जिनमें 37 लड़के और 24 लड़कियां शामिल हैं।
मध्य रेल आरपीएफ ने जनवरी 2024 के माह में 35 लड़कों और 21 लड़कियों सहित 56 बच्चों को बचाया है। जिनमें से 27 बच्चों को अकेले मुंबई मंडल में बचाया गया है।