अमेरिकी टैरिफ और राजनीतिक संकट के बीच Trudeau का भावुक विदाई संबोधन

3 Min Read

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Trudeau) ने अपनी नौ साल की ऐतिहासिक और चुनौतीपूर्ण यात्रा के समापन पर एक भावुक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने कार्यकाल को याद किया। उन्होंने देश की सेवा के दौरान उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों और वैश्विक चुनौतियों के बीच कनाडा के हितों को प्राथमिकता देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

नौ वर्षों की चुनौतियाँ और उपलब्धियाँ

ट्रूडो ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक घटनाओं का सामना किया, जिनमें कोविड-19 महामारी, मुद्रास्फीति संकट, यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में अस्थिरता शामिल हैं। उन्होंने कहा, “मैंने हर एक दिन यह सुनिश्चित किया कि कनाडाई नागरिकों को पहले स्थान पर रखा जाए। हम आखिरी क्षण तक देश के लोगों के साथ खड़े रहेंगे।” उनका यह बयान दर्शाता है कि वे अंतिम क्षण तक देशवासियों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।

अमेरिकी टैरिफ विवाद और ट्रंप से तनातनी

ट्रूडो के कार्यकाल के अंतिम दिनों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 25% आयात शुल्क ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को और बढ़ा दिया। ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि “कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना देना चाहिए” और ट्रूडो को “गवर्नर” कहकर संबोधित किया, जिससे राजनयिक संबंधों में और भी अधिक खटास आ गई।

ट्रूडो ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “वास्तविक व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में ‘विन-विन’ स्थिति हमेशा बेहतर होती है, जबकि व्यापारिक सौदों में एक पक्ष के जीतने और दूसरे के हारने की सोच नुकसानदेह हो सकती है।” उनका यह बयान ट्रंप की नीति पर एक अप्रत्यक्ष कटाक्ष माना जा रहा है।

राजनीतिक संकट और आगामी नेतृत्व परिवर्तन

ट्रूडो ने जनवरी में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी, जो उनकी पार्टी के भीतर असंतोष और जनता में घटती लोकप्रियता के कारण आया। 2024 के अंत में उप-प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद सरकार को एक बड़े राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ा।

लिबरल पार्टी 9 मार्च 2025 को अपना नया नेता चुनेगी, जो कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनेगा। यह बदलाव देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

ट्रूडो का भावुक संदेश

अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रूडो कई बार भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “यह एक कठिन यात्रा रही है, लेकिन मैं गर्व से कह सकता हूँ कि हमने कनाडा के हितों को सर्वोपरि रखा। हमारे सामने कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन हमने उनका सामना पूरे साहस और समर्पण के साथ किया।”

कनाडा की राजनीति का अगला चरण

जस्टिन ट्रूडो के जाने के बाद कनाडा एक नए नेतृत्व की ओर बढ़ेगा, जिसे अमेरिका-कनाडा संबंधों, व्यापारिक नीतियों और घरेलू आर्थिक संकट जैसी प्रमुख चुनौतियों का सामना करना होगा। आने वाला समय तय करेगा कि कनाडा इन परिस्थितियों में खुद को कैसे स्थापित करता है और अपनी स्वतंत्र नीति को किस दिशा में आगे बढ़ाता है।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version