कतर ने भारत के भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है. जिनमें से सात अफसर भारत लौट आए है. बता दे कि नौसेना के पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर, 2023 में कतर की एक अदालत ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. जिसे बाद में कैद में बदल दी गई थी.
भारतीय विदेश भारतीय विदेश मंत्रालय ने आज यानी सोमवार (12 फरवरी, 2024) को बताया कि कतर में हिरासत में लिए गए आठ सैनिकों में से सात भारत लौट आए है. वही आठवें सैनिक को घर लाने की व्यवस्था की जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीयों को जासूसी के एक कथित मामले में 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया गया था. इन आठ भारतीय नागरिकों के साथ दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी के प्रमुख स्क्वाड्रन लीडर खमिस अल अजमी को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन नवंबर 2022 में उन्हें छोड़ दिया गया था.
25 मार्च 2023 को भारतीय नौसेना के आठ कर्मियों के खिलाफ आरोप दाखिल किए गए थे और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था. अपीलीय अदालत ने मौत की सजा को कम करने के बाद भारत के नागरिकों को उनकी जेल की सजा के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिन का वक्त दिया था.
मालूम हो कि भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों पर लगाए गए आरोपों को न तो कतर ने और भारत ने सार्वजनिक नहीं किया था. आपको बता दे 30 अक्टूबर, 2023 को इन नौसैनिकों के परिवारों ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की और उन्हें वतन वापस लाने का आग्रह किया था.
इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कतर को मनाने के लिए तुर्किए की मदद ली. क्योंकि कतर के शाही परिवार से तुर्किए के बहुत ही अच्छे रिलेशन हैं। भारत ने इस मामले में अमेरिका से भी बात की, जिसके बाद कतर को उन आठ नौसैनिकों की रिहाई के लिए मनाया जा सका.
कतर की जेल से रिहा किए गए आठ अफसर के नाम कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, नाविक रागेश, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और कमांडर अमित नागपाल है.