
‘तेरे इश्क़ में (Tere Ishk Mein) का टीज़र (Teaser) आते ही उन फ़िल्मों की यादें ताज़ा हो गई हैं, जो दिल को एक साथ तोड़ती भी हैं और ठीक भी करती हैं। अगर आप उन प्रेम कहानियों के दीवाने हैं जो अधूरी रह जाती हैं। जहाँ इश्क़ मुकम्मल नहीं होता, मगर उसकी गूंज हमेशा के लिए दिल में रह जाती है। तो ये पाँच फ़िल्में आपके लिए ही हैं।
1. देवदास (2002)
संजय लीला भंसाली की ‘देवदास’ महज़ एक फ़िल्म नहीं, बल्कि प्रेम, अहंकार और आत्मविनाश का भावनात्मक विस्फोट है। देवदास, जो लंदन से लौटकर अब भी अपनी बचपन की प्रेमिका पारो से प्रेम करता है, समाज और स्वाभिमान के कारण उससे दूर हो जाता है। पारो की शादी हो जाती है और देवदास शराब में डूबता चला जाता है। चंद्रमुखी नाम की वेश्या उसे अपनाती है, मगर उसका दिल हमेशा पारो के पास ही रहता है। आख़िरकार, देवदास पारो के द्वार पर दम तोड़ देता है एक ऐसी अधूरी प्रेम कहानी जो बरसों से दर्शकों को रुला रही है।
2. रॉकस्टार (2011)
इम्तियाज़ अली की ‘रॉकस्टार’ प्रेम और पीड़ा से जलती एक आग है। जनार्दन, एक भोला लड़का, रॉकस्टार बनने का सपना देखता है और जानता है कि बड़ा कलाकार बनने के लिए दिल का टूटना ज़रूरी है। यह टूटन उसे हीर से प्रेम में मिलती है — एक ऐसा प्रेम जो कभी पूरा नहीं होता। बीमारी और हालात उन्हें अलग कर देते हैं, और जनार्दन (अब जॉर्डन) का संगीत उसी अधूरी मोहब्बत से जन्म लेता है। रणबीर कपूर का अभिनय और ए.आर. रहमान का संगीत इस प्रेमकथा को अमर बना देते हैं, जो अंत में सिर्फ़ एक टीस छोड़ जाती है।
3. कल हो ना हो (2003)
करण जौहर की ‘कल हो ना हो’ प्रेम के त्याग की सबसे ख़ूबसूरत मिसाल है। अमन, जो गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, नैना से प्रेम तो करता है लेकिन अपने मन की बात छुपा लेता है। वह नैना को उसके सबसे अच्छे दोस्त रोहित के क़रीब लाकर अपनी मोहब्बत को ख़ामोशी से कुर्बान कर देता है। शाहरुख़ ख़ान का यह किरदार दर्शकों के दिलों में आज भी ज़िंदा है, और इस फ़िल्म ने हँसी और आँसुओं के बीच संतुलन बनाते हुए एक बेमिसाल विदाई दी।
4. रांझणा (2013)
आनंद एल. राय की ‘रांझणा’ एक उन्मादी, जटिल और दर्दभरी प्रेम कहानी है। कुंदन, एक छोटे शहर का लड़का, बचपन से जोया से प्यार करता है, लेकिन जोया किसी और को चाहती है। कुंदन की मोहब्बत दीवानगी की हद तक पहुँच जाती है और जब कहानी में राजनीति, धोखा और मौत शामिल होती है, तब यह प्रेम कहानी पूरी तरह टूट जाती है। धनुष का अभिनय दिल को छू जाता है, खासकर फ़िल्म के अंतिम दृश्य में, जहाँ वह टूटे दिल से भी मुस्कुरा कर कहता है“मरते दम तक मोहब्बत करूंगा तुमसे, बस तुमसे।”
5. आशिकी 2 (2013)
मोहित सूरी की ‘आशिकी 2’ एक दर्दभरी प्रेम कहानी है, जो आत्मबलिदान, पहचान और मोहब्बत के द्वंद्व को दिखाती है। राहुल, एक विफल गायक, आरोही की प्रतिभा पहचानता है और उसे स्टार बना देता है। पर जब आरोही का सितारा बुलंदियों पर होता है, राहुल अपने अंदर के अंधेरे से हार जाता है। उसे लगता है कि वह आरोही की ज़िंदगी में बोझ बन गया है, और एक दिन वह समुद्र में डूबकर अपनी मोहब्बत को आज़ाद कर देता है। फ़िल्म के गीतों ने इस दर्द को और भी गहराई दी ये दिखाने के लिए कि कभी-कभी प्यार में ‘छोड़ देना’ ही सबसे बड़ा इश्क़ होता है।
तेरे इश्क़ में‘, गुलशन कुमार, टी-सीरीज़ और कलर येलो द्वारा प्रस्तुत, एक बार फिर अधूरी मोहब्बत की उसी सदी पुरानी कसक को छूने आ रही है। आनंद एल राय के निर्देशन में बनी यह फ़िल्म, जिसे हिमांशु शर्मा और नीरज यादव ने लिखा है, ए. आर. रहमान के संगीत और इरशाद कामिल के गीतों से सजी है। फ़िल्म में धनुष और कृति सैनन मुख्य भूमिका में हैं, और यह 28 नवंबर 2025 को हिंदी और तमिल में विश्वभर में रिलीज़ होने जा रही है।