देश में चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है। चौक-चौराहों से शुरू हुई चुनावी चर्चा अब लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर से भी गूंजने लगी है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल का अंतिम संसद सत्र इन दिनों चल रहा है। सत्र के शुरुआत में राष्ट्रपति महामहिम ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया और अभिभाषण में सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को रेखांकित करते हुए सरकार की उपलब्धियों का मुक्तकंठ से बखान किया।
जिस पर संसद के दोनों सदनों में चली बहस का जवाब सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। दो रोज पहले लोकसभा में दिए अपने जवाब की बुधवार को राज्यसभा में भी पुनरावृत्ति हुई।
यहां प्रधानमंत्री ने अपने पांच वर्षों का समूचा लेखा-जोखा पेश करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में सरकार की उपलब्धियों पर खूब तालियां बटोरीं। इसी दरम्यान प्रधानमंत्री ने आगामी चुनाव में एक बार फिर अपनी प्रचंड जीत का दावा करते हुए चुनावी चकल्लस में एक नई कड़ी पिरो दी है।
चुनावी बहस ने अब नया मोड़ ले लिया है। खुद प्रधानमंत्री की ओर से संसद में किया गया अपनी भव्य जीत का दावा अब बहस के केंद्र में है। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए ऐलान किया कि अब उनका यह कार्यकाल महज 100-125 दिनों का शेष रहा है। आगामी दिनों में देश की जनता एक बार फिर से देश का भविष्य तय करेगी। उन्होंने जोड़ते हुए यह भी कहा कि उन्हें भरोसा है कि एक बार फिर देशवासी उनकी सरकार के प्रति अपना विश्वास व्यक्त करेंगे।
उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 370 सीटों पर जीत मिलेगी, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का आंकड़ा 400 के पार पहुंचेगा। प्रधानमंत्री के इस ऐलानिया वक्तव्य का सदन के सत्तापक्ष ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री ने अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब देते हुए विपक्षी गठबंधन को भी निशाने पर लिया।
प्रधानमंत्री ने सर्वाधिक निशाने प्रमुख विपक्षी दल और देश की सबसे पुरानी राजनीतिक दल कांग्रेस पार्टी पर साधे। अपने चिर परिचित अंदाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की बहुचर्चित भूलों को रेखांकित करते हुए पार्टी के हालिया प्रदर्शन और विपक्षी गठबंधन की मौजूदा तस्वीर में भी विनोदी रंगों की रंगोली सजाई। एक के बाद एक कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के पूर्ववर्ती निर्णयों और मौजूदा स्थितियों का विनोदी चित्रण भी किया।
दो दिन पहले लोकसभा में और बुधवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानी पी-पीकर विपक्ष को घेरा। साथ ही विपक्षी गठबंधन में शामिल सियासी दलों के नेताओं की पुरानी कारगुजारियों को भी याद दिलाते हुए आगामी चुनाव में अपने प्रचार कार्यक्रम का एजेंडा भी जाहिर कर दिया।
ऐसे में तय है कि आने वाले दिनों में प्रस्तावित चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री और भाजपा समेत एनडीए गठबंधन के नेता चुनावी रैलियों में कमोबेश इन्हीं मुद्दों को लेकर विपक्ष पर व्यंग्य बाण के तीर चलाएंगे।