![प्याज के निर्यात](https://jagruktimes.co.in/wp-content/uploads/2024/04/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%9C-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A4.webp)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद छह देशों को 99,150 टन प्याज भेजने की अनुमति दी है। केंद्र ने पश्चिम एशिया और कुछ यूरोपीय देशों के निर्यात बाजारों के लिए विशेष रूप से उगाए गए 2,000 टन सफेद प्याज के निर्यात की भी अनुमति दी है।सरकार ने आठ दिसंबर 2023 को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सरकार ने दी जानकारी
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि सरकार ने ‘छह देशों बांग्लादेश, यूएई, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को 99,150 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है. पिछले साल की तुलना में 2023-24 में खरीफ और रबी की पैदावार कम होने के अनुमान के चलते पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्यात प्रतिबंध लगाया गया है. इन देशों को प्याज निर्यात करने वाली एजेंसी (एनसीईएल) ने ई-प्लेटफॉर्म के जरिए निर्यात के लिए घरेलू प्याज मंगाया है।
क्या है असली वजह?
सफेद प्याज की उत्पादन लागत उच्च बीज लागत, अच्छी कृषि पद्धतियों को अपनाने और सख्त अधिकतम अवशेष सीमा आवश्यकताओं के अनुपालन जैसे कारकों के कारण अधिक है. घरेलू स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने रबी-2024 सीज़न के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत 5 लाख टन प्याज की खरीद का लक्ष्य रखा है. एनसीसीएफ और एनएफेड जैसी केंद्रीय एजेंसियां खरीद, भंडारण और किसान पंजीकरण का समर्थन करने के लिए स्थानीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही हैं।
क्यों लिया सरकार ने ये फैसला?
बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका। एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग के साथ-साथ पिछले वर्ष की तुलना में 2023-24 में कम अनुमानित खरीफ और रबी फसलों की सीजन में आया है। निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) को इन देशों में प्याज निर्यात करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।
एनसीईएल ने कीमतों पर ई-प्लेटफॉर्म के माध्यम से घरेलू उत्पादकों से प्याज की आपूर्ति करेगा। प्याज की आपूर्ति नामित एजेंसी या उन देशों की एजेंसियों को 100 प्रतिशत एडवांस भुगतान के साथ तय दरों पर की जाएगी। बता दें कि महाराष्ट्र देश में सबसे बड़ा प्याज उत्पादक होने के नाते, निर्यात के लिए प्याज का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता होगा। इसके अतिरिक्त सरकार ने 2000 मीट्रिक टन सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति दी है, जिसकी खेती विशेष रूप से मध्य पूर्व और कुछ यूरोपीय देशों के निर्यात बाजारों के लिए की जाती है।