इस बार प्याज नहीं बल्कि लहसुन लोगों को महंगाई के आंसू रुला रहा है। इसके बढ़ते दामों ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है. प्याज के दाम तो जहां रिटेल मार्केट में 30 से 40 रुपए के बीच बने हुए हैं, वहीं लहसुन के दाम अब 550 रुपए के पार पहुंच गए हैं।
थोक बाजार में भी लहसुन की कीमत 350 रुपए किलो से ऊपर जा चुकी है। लहसुन का इस्तेमाल जहां आम लोग रोजमर्रा के खाने में करते हैं। वहीं इसकी एक बड़ी डिमांड फार्मा इंडस्ट्री में भी होती है। लगभग सभी दर्द निवारक बाम और अन्य ऑइंटमेंट में लहसुन के तेल का उपयोग होता है। भारत में लहसुन सबसे ज्यादा गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में पैदा होता है।
देश की सबसे बड़ी लहसुन मंडियों में से एक गुजरात की जामनगर मंडी में लहसुन का थोक भाव शनिवार को 300 से 350 रुपए प्रति किलो तक जरूर आया, ये 350 रुपए प्रति किलो से भी ऊपर जा चुका है। जबकि देश के अलग-अलग बाजारों में इसकी फुटकर कीमतें 500 से 550 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। लहसुन के बढ़ते दामों ने जहां आम लोगों की रसोई बजट बिगाड़ा है।
होटलों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है। देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की थोक कीमतों में 100 से 200 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली बढ़त ही देखी गई है।यहां प्याज का थोक भाव 15 रुपए प्रति किलो तक ही पहुंचा है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डेली प्राइस मॉनिटरिंग डेटा के मुताबिक दिल्ली के खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें 30 रुपए प्रति किलो ग्राम ही रही.