बाड़मेर। असम से राजस्थान आ रहे जवान की कार का यूपी के गोरखपुर में एक्सीडेंट हुआ। मंगलवार सुबह शव पैतृक गांव बायतु (बाड़मेर) के गांव माडपुरा बरवाला पहुंचा तो कोहराम मच गया। जवान श्रवण भांभू (32) असम के तेजपुर में Air Force में तैनात थे। वे सीपीएल (कॉर्पोरल) के पद पर थे।
जवान का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह 8.30 बजे पैतृक गांव पहुंचा। एयरफोर्स के अधिकारियों ने सैन्य सम्मान के पार्थिव शरीर पहुंचाया और भाई भवानी सिंह को तिरंगा सौंपा। मंगलवार सुबह शव गांव पहुंचा तो शोक की लहर छा गई।
असम से कार से आ रहे थे बाड़मेर
पत्नी-बेटे और बैचमेट के साथ असम से बाड़मेर आ रहे जवान की कार का रविवार शाम गोरखपुर (यूपी) में एक्सीडेंट हो गया था। हादसे में श्रवण भांभू की मौत हो गई। वे छुट्टी लेकर वे पत्नी ममता (28), बेटे युवराज (4) व सीकर निवासी बैचमेट अजय महला के साथ आ रहे थे।
हादसे की सूचना पर बाड़मेर जिले के लोगों में शोक छा गया। श्रवण के पिता पून सिंह की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है। जवान के घर में एक बहन और एक भाई है। भाई बाड़मेर पंचायत समिति में कर्मचारी है। एयरफोर्स में जवान श्रवण भांभू सीपीएल (फाइल)
मां बोली- 2 दिन से बेटे का इंतजार कर रही थी
जवान के मां चुन्नीदेवी ने बताया- रविवार को असम से छुट्टी लेकर बेटा रवाना हुआ था। तब फोन करके कहा था कि मैं रवाना हो रहा हूं। मैं बीते दो दिन से उसके आने का इंतजार कर रही थी। कल से फोन लगा रही थी लेकिन फोन बंद आ रहा था। मेरा मन बेचैन हो रहा था।
कल शाम मुझे बोला गया कि बेटा रात (सोमवार) को आ जाएगा। रात जैस-तैसे निकाली। सुबह घर से बाहर जाकर बार-बार देख रही थी। कुछ देर बाद एक-एक कर लोगों का जमावड़ा होने लगा तब परिजनों ने बताया कि बेटा नहीं रहा। मेरा दुर्भाग्य, मैं कहां जाऊं। वो एक साल पहले घर पर आया था। पराई धरती असम में बैठा था।
बहन बोली- लोगों के स्टेटस देखे तो मौत की जानकारी मिली
श्रवण की बहन कमला देवी ने कहा- असम से रवाना हुए थे तब मेरी बात हुई थी। पिछले साल मेरे ताऊजी के पोते की शादी में भाई आया था। उसके बाद अभी छुट्टी लेकर घर आ रहा था। सोमवार दोपहर दो बजे मैंने लोगों के मोबाइल में स्टे्टस देखा तो पता चला कि मेरा भाई इस दुनिया में नहीं रहा। मुझसे रवाना होते वक्त कहा था कि मैं 500 किलोमीटर चलूंगा। तब भाई औ भाभी दोनों से बात हुई थी। पार्थिव देह पहुंचा जवान के पैतृक गांव, अंतिम दर्शन के बाद निकली अंतिम यात्रा।
श्रवण की पार्थिव देह को सोमवार रात 8 बजे स्पेशल विमान से उतरलाई स्टेशन (बाड़मेर) लाया गया। आज सुबह 8.30 बजे शव उतरलाई से माडपुरा बरवाला पहुंचा। जवान का पार्थिव शरीर घर पर पहुंचते ही परिजन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। जवान के अंतिम दर्शन करने बड़ी संख्या में गांव के लोग पहुंचे। यहां पर राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार कि।
यूपी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार- यूपी के गोरखपुर के कुश्मी वन के पास रविवार शाम मोड़ पर कार पेड़ से टकराकर पलट गई। जवान श्रवण की मौत हो गई। पत्नी, बेटे व बैचमैट घायल हो गए। स्थानीय पुलिस ने तीनों घायलों को गोरखपुर एम्स पहुंचाया। घायल अजय महला सीकर के रहने वाले हैं। हादसे की जानकारी मिलने पर गोरखपुर सिटी एसपी कृष्ण कुमार एम्स हॉस्पिटल पहुंचकर घटनाक्रम की जानकारी जुटाई। जवान के शव का एम्स गोरखपुर में पोस्टमॉर्टम हुआ।
माता-पिता व परिजनों के रो-रो कर बुरे हाल
जवान श्रवण कुमार का एयरफोर्स में 5 साल पहले चयन हुआ था। भारतीय वायु सेना में सीपीएल (कॉर्पोरल) एक रैंक है जो एक एयरमैन को दी जाती है। यह एयर क्राफ्टमैन से सीनियर है लेकिन सार्जेंट से जूनियर पद है। भारतीय वायु सेना में कॉर्पोरल गैर-कमीशन अधिकारी होता है।
गांव के लोगों का कहना है कि श्रवण हंसमुख व होनहार थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा कि पार्थिव देह वायुसेना के स्पेशल विमान से बाड़मेर लाई गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार।
अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा पूरा गांव।
अंतिम यात्रा में बाड़मेर सांसद उम्मेदारा बेनीवाल, पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, बीजेपी नेता दीपक कड़वासरा सहित स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल रहे। इस दौरान जब तक सूरज चांद रहेगा तब श्रवण तेरा नाम रहेगा के नारे गूंजते रहे।
एयरफोर्स जवानों ने शहीद श्रवण भांभू को गार्ड ऑफ ऑनर देकर हवाई फायर कर अंतिम सलामी दी। एयरफॉर्स के अधिकारी, जवानों व प्रशासनिक अधिकारियों और ग्रामीणों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। पार्थिव शरीर पहुंचने पर पुलिस अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, राजनीतिज्ञ व लोगों ने जवान को अंतिम सलामी दी।
रिपोर्ट: ठाकराराम मेघवाल, बाड़मेर