
बाड़मेर। जिला कलक्टर टीना डाबी (DM Tina Dabi) की अध्यक्षता में मई माह के तीसरे गुरूवार को अटल सेवा केन्द्र में जिला स्तरीय जन सुनवाई का आयोजन हुआ। इस दौरान जिला कलक्टर ने आम लोगों की समस्याएं सुनीं और सम्बंधित अधिकारियों को समाधान करने के त्वरित निर्देश दिए। इस जनसुनवाई में उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और ब्लॉक स्तरीय अधिकारी सम्बंधित ब्लॉक के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग एवं संचार विभाग के वीसी कक्ष से वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
इस जिला स्तरीय जन सुनवाई में 121 परिवाद प्राप्त हुए, जिसमें से जिला कलक्टर टीना डाबी ने कुछ प्रकरणों का हाथों हाथ निपटारा किया l समस्याओं के समाधान के बाद कुछ फरियादियों के चेहरे खुशी से खिल गए। इनमें ज्यादातर प्रकरण अतिक्रमण, अवैध कब्जा, नगर परिषद् के पट्टों को दुरूस्त करवाने, सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण, मनरेगा की अनियमितताओं की जांच करवाने, खनन, रास्ता खुलवाने, विद्युत कनेक्शन, पानी के कनेक्शन और पंचायतीराज से जुड़े हुए थे। इन प्रकरणों पर जिला कलक्टर ने सम्बंधित विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर इन्हें सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज कर उनके त्वरित समाधान के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर टीना डाबी ने कहा कि सरकार की ओर से जन सुनवाई के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू की गई है। इसके अन्तर्गत प्रथम गुरूवार को ग्राम पंचायत, द्वितीय गुरूवार को उपखण्ड तथा तृतीय गुरूवार को जिला स्तर पर जन सुनवाई होती इन प्रकरणों को निस्तारण के लिए सम्बन्धित विभागों को अग्रेषित किया गया। जिला कलक्टर टीना डाबी ने कहा कि कुछ मामलों में निचले स्तर पर हुई कार्रवाई से परिवादी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होता है। इसलिए वह जिला स्तर पर होने वाली जनसुनवाई में अपनी समस्या रखता है। यहां सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहते हैं और हाथों-हाथ संबंधित अधिकारी को प्रकरण से अवगत कराया जाता है। नियमानुसार फरियादी की समस्या का समाधान भी किया जाता है।
इस जनसुनवाई में चौहटन विधायक आदुराम मेघवाल, शिव विधायक रविन्द्रसिंह भाटी, जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि कुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्रसिंह चांदावत, यूआईटी सचिव श्रवणसिंह राजावत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जस्साराम बोस, उपखंड अधिकारी वीरमाराम, बद्रीनारायण विश्नोई सहित पंचायती राज, जलदाय, विद्युत, सामाजिक न्याय, पीडब्ल्यूडी, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, पशुपालन, कृषि, सहकारिता, शिक्षा, जल संसाधन, आयुर्वेद और रोडवेज विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी शामिल थे।
रिपोर्ट: ठाकराराम मेघवाल