बाड़मेर। माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला कारागृह, बाड़मेर का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) के अध्यक्ष एम.आर. सुथार व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश), बालोतरा के सचिव सिद्धार्थ दीप ने किया औचक निरीक्षण।
निरीक्षण के दौरान कुल 250 बंदी निरूद्ध पाए गए जिनसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालोतरा के अध्यक्ष द्वारा पृथक-पृथक संवाद कर उनकी समस्याएं सुनी तथा उनके प्रकरणों की नियमित पैरवी के लिए निःशुल्क अधिवक्ता तथा अन्य विधिक सेवाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की गई एवं बंदियों से स्वास्थ्य, भोजन, स्वच्छता व पानी की आपूर्ति तथा अग्रिम अध्ययन संबंधी कई विषयों पर वार्ता की।
प्राधिकरण के अध्यक्ष ने जिन बंदियों के प्रकरणों में न्यायालयों द्वारा जमानत आदेश होने के बावजूद बंदीगण आदेशों की पालना में अमसर्थ है उनके प्रकरणों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार न्यायालयों से संशोधित आदेश हेतु आवेदन पेश करने हेतु तथा ऐसे बंदीगण जो अपने प्रकरण में माननीय उच्चतम न्यायालय में जमानत, अपील व एसएलपी दायर करवाना चाहते हैं।
उनके दस्तावेजात तैयार करवाने एवं समस्त बंदीजन की रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में संधारित करने हेतु जिला कारागृह, बाड़मरे के उपाधीक्षक को निर्देशित किया। निरीक्षण के दौरान शौचालयों, रसोईघर, बैरकों, मैस एवं खाने की गुणवता व साफ-सफाई की व्यवस्था का जायजा लिया गया साथ ही 100 बंदियों के क्षमता वाली बन रही नई बैरक का भी निरीक्षण किया।
जेल में कुल 250 बंदी निरूद्ध पाए गये जो कारागृह की क्षमता 160 से अधिक है। अध्यक्ष द्वारा उपाधीक्षक जिला कारागृह, बाड़मेर को निर्देश दिए कि भीषण गर्मी को देखते हुए जिला कारागृह में निरूद्ध बंदीगण की संख्या अधिक होने से बंदीगण को अन्य कारागृहों में स्थानान्तरित करवाकर संख्या कम की जावें एवं नीचे के जेल वाली सेल के शौचालयों को भी सीवरेज लाईन से जुड़वाए जाने के निर्देश दिए।
तथा अधिक संख्या व भीषण गर्मी को देखते हुए बंदियों को मूलभूत आवश्यकताओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए जेल प्रशासन को निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान जिला कारागृह के उपाधीक्षक राजेश डूकिया उपस्थित रहे।
रिपोर्ट: ठाकराराम मेघवाल, बाड़मेर