बाड़मेर। वेदांता लिमिटेड केयर्न ऑयल एण्ड गैस, मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल में शनिवार को पर्यावरण मुख्य प्रबंधक डाॅ. बीआर जाट की अध्यक्षता में पर्यावरण कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस दौरान पर्यावरण विशेषज्ञ भेराराम भाखर ने कहा कि मरुस्थलीकरण रोकथाम, पारिस्थितिकी तंत्र के सुदृढीकरण, जैव विविधिता एवं पर्यावरण संतुलन के लिए देशज पेङों का संरक्षण व संवर्धन जरूरी है।
खेजङी, जाल, केर, रोहिङा, कुंमट, कंकेङी रेगिस्तान में वातानुकूलित देशज पेङ है। इनके साथ हमारी सदियों से धार्मिक परम्पराएं एवं रीति-रिवाज जुङे हुए है। इनके अंधाधुंध कटाई पर चिंता जाहिर करते हुए भाखर ने कहा युवा पीढ़ी को इनके महत्व को समझाना होगा।
इस दौरान नई पौध तैयार करने के लिए उचित बीजों का चयन करने, पौधों का रखरखाव व रोपण तरीका, पौधों की बढ़वार के समय-समय पर छंगाई करने के बारें में जानकारी दी। उन्होंने घर-घर, गांव, विद्यालयों में बरगद, पीपल, नीम के पौधे लगाकर पेङ बनाने का संदेश दिया।
वेदांता का सार्थक प्रयास: इस दौरान वेदांता लिमिटेड केयर्न ऑयल एण्ड गैस द्वारा स्थानीय प्रजाति के अलग-अलग स्थानों पर किए गए प्लांटेशन का अवलोकन किया गया। खेजङी, रोहिङा, जाल, गुग्गल, कुंमट को बढ़ावा देने और लगाए गए वृक्षारोपण का घने वन का नज़ारा देखने को मिला। जिसकी सभी ने सराहना की।
एक लाख लगाएंगे पौधे: मुख्य प्रबंधक डाॅ. जाट ने बताया कि मंगला प्रोसेसिंग पर्यावरण टीम द्वारा पक्षियों के लिए 500 से अधिक मिट्टी के परिण्डे लगाकर नियमित पेयजल प्रबंधन किया गया। इस साल नर्सरी में देशज सहित विभिन्न किस्म के एक लाख पौधे तैयार किए गए है। आगामी बरसात ऋतु में इनका रोपण करवाया जाएगा। इस दौरान कार्यशाला में कई लोग उपस्थित रहें। सभी ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली।
रिपोर्ट: ठाकराराम मेघवाल, बाड़मेर