भीलवाडा (Bhilwara) शहर के कपड़ा उद्योग से जुड़े व्यापारियों ने प्रोसेस हाउसों द्वारा लिए जा रहे एकतरफ़ा निर्णयों के विरोध में बड़ा कदम उठाया है। होटल हरियाली में आयोजित हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में लगभग 120 व्यापारियों ने भाग लिया और सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि वे मंगलवार से कपड़ा प्रोसेसिंग के लिए नहीं भेजेंगे। इस निर्णय से भीलवाड़ा के कपड़ा उद्योग में बड़े उठापटक की आशंका है। व्यापारियों ने प्रोसेस हाउसों के रवैये के प्रति गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उनका मानना है कि प्रोसेस हाउस मनमाने ढंग से नियम लागू कर रहे हैं, जिससे व्यापारियों के हितों को नुकसान पहुंच रहा है। इस गंभीर मसले पर आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक में सर्वसम्मति से एक 15 सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है। यह समिति प्रोसेस हाउसों से बातचीत करेगी और आगे के उचित निर्णय लेगी। उद्योग से जुड़े जानकारों के अनुसार, जिले में हर माह करीब 7 करोड़ मीटर कपड़े की प्रोसेसिंग होती है, जिसकी अनुमानित लागत करीब 60 करोड़ रुपए बैठती है। अगर 2 प्रतिशत अतिरिक्त चार्ज जोड़ा जाता है तो इसका सीधा असर व्यापारियों पर पड़ेगा और लगभग 1.50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आर्थिक भार उठाना पड़ेगा। व्यापारियों का कहना है कि यह निर्णय एकतरफा और अनुचित है, जिससे पहले ही दबाव में चल रहे कपड़ा कारोबार को और नुकसान पहुंचेगा। बैठक में शिव सोडानी, संतोष आगाल, सुशील चौरडिया, गोपाल झंवर, नंदू झंवर, कैलाश बिरला, दीपक बंसल, योगेश बियानी, पुनीत कोठारी, सौरभ बेसवाल, सुरेश जाजू, अविनाश सोमानी, महेश हूरकट, शिरीष जैन, रामपाल असावा सहित विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
रिपोर्ट – पंकज पोरवाल
