
सामाजिक एकता और सादगीपूर्ण विवाह की मिसाल पेश करते हुए खत्री सामूहिक विवाह संस्थान, बाड़मेर (Barmer) की ओर से रविवार को समाज का छठा सामूहिक विवाह महोत्सव बड़े ही धूमधाम और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ कुशल वाटिका में संपन्न हुआ। इस समारोह में 19 जोड़े अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेकर एक-दूजे के जीवनसाथी बने।
मीडिया प्रभारी कन्हैयालाल डलोरा ने जानकारी देते हुए बताया कि खत्री समाज द्वारा आयोजित यह सामूहिक विवाह समारोह समाज के दानदाताओं, भामाशाहों और समाजबंधुओं के सहयोग से संभव हुआ। आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में व्यर्थ खर्च और दिखावे की परंपरा को समाप्त करते हुए सादगीपूर्ण विवाह की परंपरा को बढ़ावा देना है।
समाजबंधुओं ने संभाली तैयारियां, आकर्षक रहा आयोजन स्थल
कार्यक्रम के दौरान विवाह स्थल को सुंदर व आकर्षक ढंग से सजाया गया। समाज बंधुओं द्वारा मंडप, पांडाल, बारात स्वागत, प्रीतिभोज और उपहारों की व्यवस्थाएं पूरी जिम्मेदारी से निभाई गईं। विवाह के लिए वस्त्र, आभूषण, घरेलू उपयोग की वस्तुएं और उपहार सामग्री समाज के भामाशाहों द्वारा नवदम्पतियों को भेंट की गईं। दोपहर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ 19 मंडपों में एक साथ विवाह संपन्न हुए। हजारों की संख्या में समाजजन, नगरवासी और आमंत्रित अतिथिगण इस ऐतिहासिक सामूहिक विवाह समारोह के साक्षी बने। शाम को नवविवाहित जोड़ों को समाजजन व परिजनों ने उपहारों के साथ विदाई दी।
जनप्रतिनिधियों ने दी शुभकामनाएं, कहा— यह आयोजन समाज के लिए प्रेरणास्रोत
इस अवसर पर शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा एवं पीसीसी सचिव आजाद सिंह राठौड़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अतिथियों ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए उनके मंगलमय जीवन की कामना की। विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि आधुनिक दौर में जब शादियां दिखावे और खर्च की प्रतिस्पर्धा बनती जा रही हैं, ऐसे में सामूहिक विवाह आयोजन समाज के लिए प्रेरणादायक हैं। इससे फिजूलखर्ची पर रोक लगती है और सामाजिक एकता को बल मिलता है।
पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा ने कहा कि सामूहिक विवाह भारतीय सनातन संस्कृति के संरक्षण का प्रतीक हैं। डिजिटल युग में जहां परिवारों में संवाद कम हो रहा है, ऐसे आयोजन समाज में भाईचारा और एकता को मजबूत करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन प्रारंभ में कठिन लगते हैं, लेकिन जब समाज एकजुट होता है तो इतिहास रचता है।विधायक प्रियंका चौधरी ने समाज को इस प्रेरणादायक पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि अन्य समाजों को भी इससे सीख लेकर सादगीपूर्ण विवाह परंपरा को बढ़ावा देना चाहिए। कांग्रेस नेता आजाद सिंह राठौड़ ने भी कार्यक्रम में शिरकत कर नवदम्पतियों को शुभकामनाएं दीं और आयोजकों को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
संयोजक नंदलाल जी छुंछा ने किया भामाशाहों का सम्मान
कार्यक्रम के दौरान संयोजक नंदलाल जी छुंछा ने बताया कि यह संस्थान का छठा सामूहिक विवाह सम्मेलन है, जिसका उद्देश्य समाज में फिजूलखर्ची को रोकना और विवाह संस्कारों को सरल बनाना है। उन्होंने समाज के सभी भामाशाहों और सहयोगकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज की एकजुटता से ही यह आयोजन संभव हो पाया है।
संस्थान की ओर से सभी नवदम्पतियों को विवाह जोड़ा, शेरवानी, सूट, मंगलसूत्र, बर्तन, पलंग, पंखा, कूलर आदि दैनिक उपयोगी वस्तुएं भेंटस्वरूप दी गईं। समारोह का आकर्षण वह क्षण रहा जब सभी 19 जोड़ों ने एक साथ मंच पर एक-दूसरे को वरमाला पहनाई यह दृश्य उपस्थित जनसमूह के लिए अविस्मरणीय बन गया।
“समाज की एकता और संस्कारों का सजीव उदाहरण है यह आयोजन” — नंदलाल जी छुंछा
संरक्षक नंदलाल जी छुंछा ने कहा कि समाज में फैली कुरीतियों और दिखावे की परंपरा को समाप्त करने के लिए इस तरह के सामूहिक विवाह अत्यंत आवश्यक हैं। समाज को इस पहल को और व्यापक बनाना चाहिए ताकि हर परिवार बिना आर्थिक बोझ के अपने बच्चों का विवाह धूमधाम से कर सके। उन्होंने कहा कि यह आयोजन समाज की एकता, सहयोग और संस्कारों का सजीव उदाहरण है। कार्यक्रम का समापन प्रीतिभोज और नवविवाहित जोड़ों की विदाई के साथ हुआ। पूरे समारोह में सामाजिक सौहार्द, भव्यता और सादगी का सुंदर संगम देखने को मिला।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल
