जोधपुर। राजस्थान में चैत्र शुक्ल तृतीया को गणगौर पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इसको लेकर जोधपुर शहर के विभिन्न मोहल्लों में भी गणगौर पूजन शुरू हो चुका है। 16 दिवसीय इस कार्यक्रम को लेकर विवाहित महिलाओं से लेकर कन्याओं में भी उत्साह नजर आ रहा है। महिलाएं सामूहिक रूप से पूजन कर मंगल गीतों के साथ पर्व की खुशियां मना रही हैं। शहर के पाल रोड अमृत नगर में महिलाओं की और से सामूहिक गणगौर पूजन कार्यक्रम रखा गया। इस दौरान महिलाओं के लिए बेस्ट गणगौर, बेस्ट ईशर, बेस्ट डांस सहित कई प्रतियोगिता भी रखी गई। जिसमें महिलाओं ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया।
सालों पुरानी परंपरा
पति के लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना के साथ विवाहित महिलाएं इस व्रत को करती है वहीं कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं। इसमें कुंवारी कन्या से लेकर विवाहित स्त्री भगवान शिव व माता पार्वती का पूजन करती हैं। ऐसी मान्यता है कि शादी के बाद पहला गणगौर पूजन मायके में किया जाता है। इस पूजन का महत्व अविवाहित कन्या के लिए अच्छे वर की कामना को लेकर रहता है, जबकि विवाहित स्त्री अपने पति की दीर्घायु के लिए पूजन करती हैं। इसमें अविवाहित कन्या पूरी तरह से तैयार होकर और विवाहित स्त्री सोलह श्रृंगार करके पूरे सोलह दिन पूजन करती हैं।
दो नाम के साथ मनाने की परंपरा
जोधपुर में गणगौर पर्व को दो अलग-अलग नाम से मनाने की परम्परा चली आ रही है। जिसमें पहले पखवाड़े में पूजे जाने वाली गणगौर घुड़ला गवर कहा जाता है। वहीं दूसरे पखवाड़े में धींगा गवर का पूजन किया जाता है। पहले पखवाड़े में गवर का पूजन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से प्रारंभ होकर चैत्र शुक्ल तीज तक किया जाता है।
घुड़ला लेकर घूमती है महिलाएं
शहर की गलियों में इन दिनों शाम के समय महिलाएं घुडले के साथ पारंपरिक गीत गाते हुए चल रही है, जिसमें घुड़ले के रूप में एक छोटी सी मटकी या घड़ा होता है। ये वर्षों पूर्व मारे गए मुगल सूबेदार घुडले खान के कटे हुए सिर का प्रतीक मानी जाती है। इसे मारकर महिलाओं को आजाद कराया गया था इसलिए हर साल इसके कटे हुए सर को लेकर घूमने की परंपरा है।
ये रही मौजूद
कार्यक्रम में गीता माछर, माया लोहिया, अलका शर्मा, आलिया सारडा, खुशबु मानधना, उमा लोहिया, रानू माछर, आरती फोफलिया, प्रेमलता जांगिड, मंजु दाईमा, मोनिका मूथा, निर्मला बंग, नम्रता तापडिया, पुष्पा बिडला, मिताली लोहिया, नयन भंडारी, सुरभि राठी, इंदू सुथार, चूलबुल अग्रवाल, ललिता शर्मा, मंजु माछर, संगीता दाईमा, शांता शर्मा, कांता मूंदडा, संगीता राठौड, लवली दाईमा, चारू माहेश्वरी, रूचिका, मिनल डागा, निकिता भूतडा, सविता भट्ट सहित बडी संख्या में महिलाएं व कन्याएं शामिल हुई।