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राजस्थान के जालोर जिले में किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण देने के ऋण मापदण्डों की समीक्षा, पुनरावलोकन एवं निर्धारित मापदण्डों में संशोधन करने, पशुपालक व्यवसायों, मुर्गीपालन एवं मत्स्य पालन को कार्यशील पूंजी ऋण उपलब्ध करवाये जाने के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर शिवचरण मीना की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला स्तरीय तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक संपन्न हुई।
बैठक में पूर्व निर्धारित मापदंडों का तुलनात्मक अध्ययन कर जिले में बोई जाने वाली मुख्य फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर ऋण मापदंड निर्धारित किए गए। साथ ही पशुपालकों के लिए मुर्गीपालन एवं मत्स्य पालन के लिए कार्यशील पूंजी ऋण के मापदंडों की पुनः समीक्षा कर मापदण्ड निर्धारित किए गए।
बैठक में दि जालोर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक सुनील वीरभान, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक दिनेश प्रजापति, लीड बैंक अधिकारी तेजकुमार जलथुरिया, कृषि विज्ञान केन्द्र के आनन्द कुमार, वीरमसिंह गुर्जर, कृषि विभाग के दीपक कुमार मीणा, पशुपालन विभाग के डॉ. जगदीश कुमार विश्नोई, बैंक अधिकारियों, समिति अध्यक्षों एवं उन्नत काश्तकारों व व्यवस्थापकों ने भाग लिया।