भीलवाड़ा। नौगांवा सांवलिया सेठ मंदिर में बुधवार को भगवान का लाड़ली राधा के स्वरूप में भव्य श्रृंगार करते हुए Radha Ashtami धूमधाम से मनाई। ठाकुर जी को घरो से लाए गए व्यंजनों से 56 भोग लगाया गया। कृष्ण लीलाओ की झांकी के दर्शन ने भक्तों का मन मोह लिया। माँ भारती ग्रुप ने छप्पन भोग लगाने के साथ ही भगवान सांवलिया सेठ पर आधारित भजन गाए।
मंजू तम्बोली, राजकुमारी तम्बोली ने वृन्दावन में हुकुम चले बरसाने वाले, मीठे रस से भरयोड़ी राधा रानी लागे, सांवरिया नाम की मरोड़ चाहे छीजे दुनिया करोड़.., सांवलिया सेठ दे दे नौगांवा का मालिक दे दे…, मेरी गाड़ी मेरा बंगला सब तेरा सांवरिया सेठ समेत एक से बढ़कर एक भजन पेश किए। मंदिर में अलका जोशी के नेतृत्व में पथिक नगर, बापूनगर, शास्त्रीनगर, काशीपुरी से माताओ बहनो ने लाल वस्त्र पहनकर भाग लिया।
वंदना ओझा, चंदा मोदी, अनुराधा बेबी शर्मा, ललिता डाड, कृष्णा माहेश्वरी का सहयोग रहा। व्यवस्था प्रबंधन प्रमुख गोविन्द प्रसाद सोडानी ने बताया कि जलझुलनी एकादशी मेले के उपलक्ष में मंदिर की दूधिया रोशनी से सजावट व फूलों से श्रृंगार राधास्टमी को शुरू हो गई। 12 सितम्बर को 108 बार संगीतमय हनुमान चालीसा का पाठ होगा। बालकों की कृष्ण सजाओ प्रतियोगिता रहेंगी।
अक्षत व पारस म्यूजिक पार्टी शाम 7 बजे दूधिया रोशनी में पाठ शुरू करेगी। मंदिर में फूलों की सजावट होगी। हनुमानजी के साथ सेल्फी के लिए पॉइंट बनेगा। सांवलिया सेठ का बजरंग बली रूप में भव्य श्रृंगार किया जाएगा। मंदिर प्रांगण को वाटर प्रूफ किया जाएगा। 13 सितंबर को अखण्ड रामायण पाठ टीम बनाकर पीत वस्त्र में बैठते हुए होगा। जल झूलनी एकादशी पर 14 सितंबर को सांवरिया सेठ का भव्य शृंगार किया जाएगा। झूला झुलाने के लिए नौगांवा के तालाब पर गाजे बाजे के साथ घोड़े, डीजे ले जाए जाएंगे।
लगभग 108 कार्यकर्ता भारतीय वेशभूषा में धोती कुर्ता पहने मेले की शोभा बढ़ाएंगे। मेले में गोशाला व सांवलिया सेठ से संबंधित कटआउट की झांकी भी रहेगी। आगरा के प्रसिद्ध कलाकारों की चलित झांकी, कल्पवृक्ष की परिक्रमा और हंसी के फ़व्वारे वाले मेले की शोभा बढ़ाएंगे। मेवाड़ के प्रसिद्ध कारीगर द्वारा मेरा वृन्दावन, कनक बिहारी, बालगोपाल की क्रीड़ा, अयोध्या द्वार, घड़ियाल, कनक बिहारी, श्रीनाथ जी और बछड़ा की झांकिया बनाई जाएगी। इसके पोस्टर का विमोचन किया गया। मार्ग में आने वालों को तक़लीफ न हो इसकी सुंदर पार्किंग व्यवस्था कर रखी गई है। बच्चों के लिए झूले, चकरी, रेलगाड़ी, मेले में लगाई जाएगी।
इस दिन सुबह 6 बजे दुग्धाभिषेक, 8 बजे यज्ञ हवन होगा। आहुतियां गाय के घी के साथ गोबर से बने कंडो के साथ दी जाएगी। यह विश्व शांति की कामना के लिए किया जाएगा। पद यात्रियों के आवागमन पर उनका सम्मान किया जाएगा। मंदिर परिसर में फलाहारी उत्तम जलपान की व्यवस्था ट्रस्ट द्वारा की जा रही है।
गोमाता के साथ सेल्फी प्वाइंट के माध्यम से गो दर्शन गो परिक्रमा की विशेष व्यवस्था की गई है। विशेष रूप से मेले में दर्शनार्थियों को कपड़े के थैले उपलब्ध कराएंगे जिससे व भगवान ठाकुरजी के चढ़ावे में प्लास्टिक की थैली का उपयोग नहीं करेंगे साथ ही पंक्तिबद्ध सुव्यवस्थित अनुशासित दर्शन के लिए टीम लगायी जाएगी। कार्यक्रम को लेकर बालचंद, रामस्वरूप अग्रवाल, गणपतसिंह नौगांवा सरपंच जुटे हुए हैं।
रिपोर्ट: पंकज पोरवाल