जैसलमेर। पिछले 566 वर्ष से निवास कर रहे अचलदास डांगरा के पूर्वजों के कार्यक्षेत्र घोटारु के रेगिस्तान में पेड़ों से INDIA बनाया गया है। करीब 25 एकड़ में बना यह पेड़ो का ग्रीनपार्क तरु फाउंडेशन, उत्तराखंड ने डेवलप किया है। फाउंडेशन के डायरेक्टर रविभानसिंह भाटी ने बताया कि हम देशभर में इस तरह के प्रोजेक्ट चला रहे हैं, ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे और पेड़ बचे रहे। देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संकल्प तरु फाउंडेशन पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने का काम कर रहा है।
फाउंडेशन के फाउंडर अपूर्व भंडारी जैसलमेर में साल 2019 में आए थे
भाटी ने बताया कि फाउंडेशन के फाउंडर अपूर्व भंडारी साल 2019 में जैसलमेर आए थे। वे लोंगेवाला वॉर म्यूजियम देखने गए। वहां उनको यह आइडिया आया कि इस रेगिस्तान में वो ऐसा पार्क बनाएंगे, जिसमें पेड़ों से INDIA बना दिखे। जनवरी 2020 में डांगरा परिवार के कार्यक्षेत्र घोटारू स्थित रेगिस्तान में ये प्रोजेक्ट शुरू किया गया। पेड़ों को इस तरह से लगाया गया है कि आसमान से देखने पर या फिर गूगल मैप पर INDIA लिखा नजर आता है।
ज्ञात रहे कि पिछले 566 वर्ष से जैसलमेर में निवास कर रहे डांगरा परिवार का व्यापार का कार्यक्षेत्र शाहगढ़, घोटारु, बांधा,सम, खुईयाला रहा है डांगरा परिवार के भामाशाह मेघराज डांगरा द्वारा अपने पिता स्व. गिरधारीलाल डांगरा की पुण्य स्मृति में क्षेत्र के बांधा में 209 वर्ष पूर्व गिरधारी की तलाई का निर्माण करवा कर सरहद के वासियों और मवेशी को पेयजल सुलभ करवाया पिछले दिनों जिला कलेक्टर प्रतापसिंह द्वारा गिरधारी की तलाई को आदर्श तलाई घोषित किया गया है।
पेड़ की देखभाल के लिए 24 घंटे 5 लोगों की टीम रहती है मौजूद
बता दे की डांगरा परिवार की परम्परा रही है कि व्यापार से कमाये गए धन का कुछ हिस्सा जन हितार्थ खर्च किया जावे उसी के अंतर्गत गिरधारी तलाई बनवाई गयी है पूर्व में पाकिस्तान भारत एक रहे उसी दौरान तलाई का निर्माण करवाया गया है वर्तमान में जैसलमेर से सटे भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर इन दिनों काफी हरियाली नजर आती है।
करीब 6 हजार 500 पेड़ों से तैयार इस पार्क की एक और खासियत है कि यहां पेड़ों को इस तरह लगाया गया है कि गूगल मैप से सर्च करने पर ये ‘इंडिया’ के फॉर्मेशन में नजर आते हैं। रेगिस्तान के बीच बना ये पार्क है जैसलमेर शहर से 125 किलोमीटर की दूर घोटारु में। इस पार्क से इंटरनेशनल बॉर्डर की दूरी 20 किलोमीटर है। पार्क में खेजड़ी, रोहिड़ा, शीशम, केर, नीम, सरेस, बौरड़ी, अर्जुन, करंज आदि के पेड़ लगे हैं। इनकी देखभाल के लिए 24 घंटे 5 लोगों की टीम मौजूद रहती है।
रिपोर्ट: कपिल डांगरा