पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट Piyush Goyal प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के विश्वासपात्र सहयोगियों में से एक हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें उत्तर मुंबई लोकसभा सीट से पहली बार चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के भूषण पाटिल को 3,57,608 मतों से हराया। इस लोकसभा चुनाव में यह महाराष्ट्र में सबसे अधिक मतों के अंतर से जीत थी।
जून 2019 में उन्हें राज्यसभा में सदन का उपनेता एवं 2021 में सदन का नेता नियुक्त किया गया। पेचीदा व्यापार वार्ताओं का नेतृत्व करने और सरकार के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले पीयूष गोयल तीन बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं। बात उनके मंत्री के रूप में सेवाओं की करें तो पहली मोदी सरकार में उन्हे बिजली, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा जैसे विभाग सौंपे गए। उन्हें रेल मंत्रालय का प्रभार दिया गया और बाद में, अरुण जेटली के अस्वस्थ होने पर उन्हें वित्त मंत्री भी बनाया गया।
गोयल ने बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय समस्याओं के समाधान और उनकी परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए बिजली क्षेत्र में सुधारों पर जोर दिया और दुनिया के सबसे बड़े एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भाजपा के वरिष्ठ नेता थावरचंद गहलोत के कर्नाटक के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उन्हें राज्यसभा के नेता के रूप में नियुक्त किया गया था।
रेल मंत्री: एक के बाद एक किए करिश्मे
3 सितंबर 2017 को गोयल रेल मंत्री बने। उनके नेतृत्व में, भारतीय रेलवे ने ‘शून्य दुर्घटना’ रेलवे प्रणाली की स्थापना की और उनके कार्यकाल में कोई दुर्घटना नहीं देखी है। इसके अलावा उन्होंने हाथियों को रेलवे लाइनों के पास आने से रोकने की विधि को रेलवे में लागू कराया, जिससे हाथियों को ट्रेन दुर्घटनाओं से बचाया जा सके। उन्होंने पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ किया।
देश के सभी पर्वतीय रेलवे क्षेत्रों में, यात्रियों को पहाड़ी इलाकों के दृश्यों का आनंद लेने की सुविधा देने के उद्देश्य से विस्टा-डोम कोच पेश किए। 27 फरवरी 2019 को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के अनुसार, आंध्र प्रदेश में वाल्टेयर डिवीजन के साथ गुंटूर, गुंटकल और विजयवाड़ा डिवीजनों के साथ साउथ कोस्ट रेलवे नाम से आंध्र प्रदेश के लिए एक रेलवे जोन की घोषणा की। गोयल ने ‘क्लोन ट्रेन योजना’ की घोषणा की। प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए, सभी रेलवे स्टेशनों पर पर्यावरण अनुकूल ‘कुल्हड़’ (मिट्टी के कप) में चाय बेचने का निर्देश दिया।
ऊर्जा राज्य मंत्री : विश्व ने देखा अक्षय ऊर्जा का प्रसार
गोयल 2014 में मोदी सरकार में बिजली, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री बने और अपने कार्यकाल में कई पहल कीं। उनके कार्यकाल में, भारत ने दुनिया के सबसे बड़े अक्षय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम के माध्यम से अक्षय ऊर्जा का प्रसार देखा। उनके अधीन मंत्रालय ने सभी घरों को 24X7 विश्वसनीय बिजली प्रदान करने के मिशन को गति दी और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ाया।
उन्होंने कर्ज में डूबी बिजली वितरण कंपनियों को पुनर्जीवित करने के लिए उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) और भारत की ऊर्जा पहुंच में सुधार के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) की शुरुआत की। गोयल ने देश के शेष सभी 18,000 गैर-विद्युतीकृत गांवों को विद्युतीकृत करने के लिए सरकारी कार्यक्रम शुरू किया और पूरा किया। उन्होंने उन्नत ज्योति बाय अफोर्डेबल लाइटिंग फॉर ऑल (उजाला) योजना के माध्यम से देश में ऊर्जा दक्षता के लिए भी काम किया। उन्होंने लोगों को न्यूनतम मूल्यों पर एलईडी बल्ब उपलब्ध कराया।
वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ
पीयूष गोयल, अखिल भारतीय स्तर पर द्वितीय रैंक धारक चार्टर्ड अकाउंटेंट और मुंबई विश्वविद्यालय से द्वितीय रैंक धारक विधि स्रातक हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा डॉन बॉस्को हाई स्कूल, माटुंगा से की। राजनीति में प्रवेश करने से पहले वे एक सफल निवेश बैंकर थे। उन्होंने येल विश्वविद्यालय (2011), ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (2012) और प्रिंसटन विश्वविद्यालय (2013) में नेतृत्व कार्यक्रमों में भी भाग लिया।
वे हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में मालिक/अध्यक्ष प्रबंधन (ओपीएम) कार्यक्रम के भी हिस्सा हैं। राजनीति में आने से पहले गोयल शीर्ष कॉरपोरेट कंपनियों को प्रबंधन रणनीति और विकास पर सलाह देते थे। गोयल ने अपना करियर एक निवेश बैंकर के रूप में शुरू किया और भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंकों, भारतीय स्टेट बैंक 2001-2004 और बैंक ऑफ बड़ौदा 2002-2004 के बोर्ड में सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।
गोयल वित्त पर स्थायी समिति और रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य थे। इंडियन मर्चेंट्स चैंबर की प्रबंध समिति के सक्रिय सदस्य होने के साथ-साथ वह आदिवासी शिक्षा और शारीरिक रूप से विकलांगों के कल्याण (जयपुर फुट) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में गैर सरकारी संगठनों से भी जुड़े हुए हैं।
पार्टी में निभाई विविध भूमिकाएं
गोयल ने अपने 28 साल लंबे राजनीतिक करियर में भाजपा में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जिसमें कोषाध्यक्ष और भाजपा की सूचना संचार अभियान समिति का प्रमुख पद भी शामिल हैं। गोयल वित्त पर स्थायी समिति और रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य भी थे। उन्हें नदियों को जोड़ने के लिए सरकार की हाई प्रोफाइल टास्क फोर्स में नामित किया गया था।
उन्होंने पार्टी के भारतीय आम चुनाव 2014 के प्रचार और विज्ञापन अभियान और अत्यधिक सफल सोशल मीडिया आउटरीच का भी नेतृत्व किया। अपने 35 साल के लंबे राजनीतिक जीवन के दौरान, उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में काम किया और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सहित भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्हें भारत सरकार द्वारा नदियों को जोड़ने के लिए टास्क फोर्स में भी नामित किया गया था । वे 1991 में संसदीय चुनावों के लिए उप अभियान प्रभारी थे और 2004 के बाद से सभी चुनावों में केंद्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विरासत में मिली राजनीति
गोयल का जन्म मुंबई में श्रीमती चंद्रकांता गोयल और वेद प्रकाश गोयल के पुत्र रूप में हुआ। उनकी मां महाराष्ट्र से तीन बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधान सभा सदस्य (एमएलए) बनीं। वहीं उनके पिता 2001 से 2003 तक तीसरे वाजपेयी मंत्रिमंडल में केंद्रीय जहाजरानी मंत्री के रूप में कार्यरत थे। दो दशकों से अधिक समय तक वे भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहे।
पीयूष गोयल के पिता वेद प्रकाश गोयल लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता रहे और उन्होंने संघ के दिग्गज बालासाहेब देवरस, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर काम किया था। मध्य मुंबई के सायन में स्थित उनका घर उन दिनों राजनीतिक गतिविधियों का बड़ा केंद्र हुआ करता था।
पार्टी के दिग्गज नेता वहां अक्सर आते-जाते थे और ठहरते थे। उस दौर में वह मुंबई आने वाले नेताओं के साथ समय बिताया करते थे और उनकी आवभगत की जिम्मेदारी संभालते थे। साल 1984 में शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे और वाजपेयी के बीच बैठक के बाद गोयल आवास पर ही भाजपा और शिवसेना के बीच औपचारिक गठबंधन को स्वरूप दिया गया था।
कोरोना काल में बने जीवन आधार
भारत में कोविड महामारी के दौरान गोयल ने भारतीय रेलवे को कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एंटी-कोविड-19 कोच विकसित कराया। इस एंटी-कोविड-19 कोच में हाथ से मुक्त पानी के टैंक और फ्लश थे। भारत में महामारी की दूसरी लहर के दौरान, ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए, उनके अधीन रेलवे ने मेडिकल ऑक्सीजन के साथ-साथ ऑक्सीजन सिलेंडर के परिवहन के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री: देश के विकास को दे रहे गति
मई 2019 में, गोयल रेल मंत्रालय में बने रहे और उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय मिला। उन्होंने अपने कार्यकाल में लक्ष्य लाइसेंस राज, भूमि अनुमति, विदेशी निवेश प्रस्ताव और पर्यावरण मंजूरी से संबंधित प्रतिबंधात्मक नीतियों को नियंत्रित किया।
ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर खुदरा विक्रेताओं की ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए गोयल ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) को कैटलॉगिंग के लिए प्रोटोकॉल सेट करने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) का उपयोग करने का निर्देश दिया। जनवरी 2021 में गोयल के नेतृत्व में भारत ने विश्व बैंक की व्यापार रैंकिंग में 14 स्थानों की छलांग लगाई।
आत्मनिर्भर भारत के प्रयास में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और भारत में रोजगार पैदा करने के लिए एक जिला एक उत्पाद पहल शुरू की। उनकी दूरगामी सोच, क्रांतिकारी नीतियों एवं शानदार ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए राजग सरकार में उन्हें एक बार फिर से वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।
मोदी 2.0 में निभाई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पीयूष गोयल को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय दिया गया था। वह पिछले पांच वर्षों से भारत की अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों का संचालन कर रहे हैं। रामविलास पासवान के निधन के बाद उन्हें उपभोक्ता मामलों और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
कोविड-19 महामारी के बीच महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रभार संभालते हुए, गोयल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 80 करोड़ गरीब और कमजोर लोगों को मुफ्त खाद्यान्न के वितरण का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित किया। एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी प्रधानमंत्री मोदी ने उन पर विश्वास कायम रखते हुए एक बार फिर से उन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री बनाया है।
ऊर्जा संरक्षण पर कॉरनेट पुरस्कार, दान किए 18 लाख
ऊर्जा दक्षता को एक जन आंदोलन बनाकर भारत के ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी परिवर्तनों की मान्यता में 2018 में यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया स्कूल ऑफ डिजायन के क्लीनमैन सेंटर फोर एनर्जी पॉलिसी ने गोयल को चौथा सालाना कॉरनोट पुरस्कार प्रदान किया था। गोयल ने कॉरनोट पुरस्कार 2018 से मिली 25 हजार डॉलर (करीब 18 लाख रुपए) की राशि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को दान कर दिया था।
दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शािमल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल उन सात भारतीयों में शामिल हैं, जिन्हें जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कदम उठाने के लिए 2019 के लिए जलवायु नीति में दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में नामित किया गया था। अपोलिटिकल की आधिकारिक वेबसाइट पर उनके प्रोफाइल के अनुसार, केंद्रीय रेलवे और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने लगभग 18,000 गैर-विद्युतीकृत गांवों के फास्ट ट्रैक विद्युतीकरण का नेतृत्व किया है, और बिजली क्षेत्र में व्यापक सुधार और दुनिया के सबसे बड़े एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके कार्यकाल में, भारत ने दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा का बड़े पैमाने पर प्रसार देखा।
रेल योजनाएं: आपदा को बनाया अवसर
भारत में कोविड-19 लॉकडाउन का लाभ उठाकर, भारतीय रेलवे ने लंबे समय से लंबित 200 प्रमुख परियोजनाओं को पूरा किया। इन परियोजनाओं में 68 किलोमीटर की संयुक्त लंबाई वाली तीन सुपर क्रिटिकल परियोजनाएं,45 किलोमीटर की संयुक्त लंबाई वाली तीन महत्वपूर्ण परियोजनाएं, बिहार के झाझा से उत्तर प्रदेश के पंडित दिन दयाल उपाध्याय जंकशन तक पूरी 389 किलोमीटर रेलवे लाइन का उन्नयन और पारादीप तक 82 किलोमीटर की नई पोर्ट कनेक्टिविटी लाइन शामिल है।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण कार्य
9 अक्टूबर 2020 को उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला। इसके बाद भारतीय खाद्य निगम के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण की घोषणा की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद प्रणाली जारी रहेगी और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) किसानों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। सभी प्रवासी श्रमिक समुदाय देश में कहीं भी अपना आवंटित राशन ले सकें, गोयल ने वन नेशन, वन राशन योजना के शीघ्र कार्यान्वयन का आह्वान किया।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की तीसरी गवर्निंग काउंसिल की बैठक में, गोयल ने एमएसएमई, स्टार्टअप और महिला उद्यमियों के लिए गुणवत्ता परीक्षण शुल्क में कटौती करने का निर्देश दिया। गोयल ने उपभोक्ता मामलों के विभाग को बीआईएस अधिनियम, 2016 और कानूनी मेट्रोलॉजी अधिनियम, 2009 के माध्यम से उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं की गुणवत्ता और मात्रा पर ध्यान केंद्रित करने और सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।