जैसलमेर। कृष्ण कंपनी तेज मंडली रम्मत कला संस्थान जैसलमेर के तत्वावधान में जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और नगर परिषद के सहयोग से लोक रचनाकार तेज कवि द्वारा रचित मारवाड़ी रंगत की नयी फैशन की रम्मत राजा भर्तृहरि का मंचन ब्रह्म अखाड़ा गोपा चौक में आज शनिवार रात किया जाएगा।
रम्मत की बड़ी तालीम अनुभवी खिलाड़ी कमलकिशोर आचार्य के निर्देशन व उस्ताद हरिवल्लभ शर्मा और रमेशकुमार बिस्सा के द्वारा संपादित करवाई गई। इस अवसर पर संयोजक महेश व्यास गोगा महाराज, कोषाध्यक्ष एडवोकेट राणीदान सेवक व सचिव हरिवल्लभ बोहरा सहित संस्थान के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे। सोनार दुर्ग की अखे प्रोल स्थित रामदेव मंदिर के मंडप में रात 9 बजे से देर रात 3 बजे तक बड़ी तालीम चलती रही।
संयोजक महेश व्यास ने बताया कि बड़ी तालीम में रम्मत के खिलाड़ियों द्वारा रम्मत का पारंपरिक शैली में उम्दा प्रदर्शन किया गया। सभी खिलाड़ी उत्साह और आत्मविश्वास से मंच पर प्रस्तुति देने के लिए तैयार है। संस्थान के सचिव हरिवल्लभ बोहरा ने बताया कि रम्मत के सुचारू व व्यवस्थित प्रदर्शन की तैयारियां पूरी कर ली गई है। जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और नगर परिषद का पूरा सहयोग किया जा रहा है।
साथ ही साथ आमजन से भी सहयोग व व्यवस्थाओं में भागीदारी निभाई जा रही है। सभी स्टेकहोल्डर्स ने सक्रिय सहयोग की कार्रवाई शुरु कर दी है। बड़ी तालीम में निर्देशक व उस्तादों के अतिरिक्त कोषाध्यक्ष राणीदान सेवक, सुरेश केवलिया, आदर्श व्यास, राजेश पुरोहित, शिवकुमार आचार्य, कमलकिशोर खेतपालिया, नितिन व्यास, योगेश बिस्सा व अन्य रम्मत प्रेमियों द्वारा योगदान दिया गया। दिलीप शर्मा ने पारंपरिक टाप के विकल्प में प्रोजेक्टर पर टेक्स्ट की सुविधा का संचालन कर खिलाड़ियों व टेरियों को लाभ पहुंचाया। रम्मत के मंचन मेंआम दर्शक भी बड़ी स्क्रीन पर से लाभांवित होंगे।
वहीं नई पीढ़ी के कलाकारों के साथ वाद्य यंत्रों में युवा कलाकार अक्षय जोशी ने तबले व मधुसूदन ने ढोलक पर अपना हुनर दिखाया। बड़ी तालीम में प्रवीण गोपा, जयंत पुरोहित, यश शर्मा, अनिरुद्ध बिस्सा चमन बरसा, उमेश व्यास, आदित्य गोपा, अनिकेत बिस्सा, शैलेंद्र श्रीपत, मयंक आचार्य, पीयूष बिस्सा, मानव केवलिया, मीत व्यास, कृष्णन व्यास, दुष्यंत आचार्य, राघव, पार्थ, चिराग और हीरालाल ने अपने पार्ट का अंतिम पूर्वाभ्यास कर अपनी तैयारियां को परखा।
वहीं रमेशकुमार बिस्सा व कमलकिशोर आचार्य ने टेर दल का नेतृत्व किया। संस्थान के अध्यक्ष व उस्ताद हरिवल्लभ शर्मा ने रम्मत प्रदर्शन की भाव-भंगिमाओं व नृत्य-गायन के अंदाज की बारीकियां सिखाई। साथ ही राणीदान सेवक ने भी अनुभव आधारित सुझाव दिए।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा