आनंद की अनुभूति करना परमपिता की बड़ी कृपा : श्री श्री आनन्दमूर्ति
एक प्रश्न है, मनुष्य प्राण को अलग करना क्यों नहीं चाहता? हर…
आदर्श के साथ स्वयं को एकीभूत कर देने को कहते सन्यास : श्री श्री आनन्दमूर्ति
कर्म क्या है और कर्मसन्यास क्या है? वस्तु के आपेक्षिक स्थान परिवर्तन…