लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट यानी वनडे और टी-20 फॉर्मेट में स्टॉप क्लॉक रूल परमानेंट होने जा रहा है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने फैसला लिया कि दोनों फॉर्मेट में टाइम मैनेज करने के लिए इस रूल को अप्लाय किया जाएगा।
स्टॉप क्लॉक रूल में बॉलिंग टीम को पारी का अगला ओवर शुरू करने के लिए 60 सेंकेड का टाइम मिलेगा। ऐसा नहीं करने पर टीम पर पेनल्टी लग जाएगी। आईसीसी के टी-20 वर्ल्ड कप के साथ यह रूल यूनिवर्सल हो जाएगा। यानी सभी तरह के व्हाइट बॉल क्रिकेट में इसे अप्लाय किया जाएगा।
चैंपियंस ट्रॉफी के वेन्यू पर चर्चा नहीं
आईसीसी की बोर्ड मीटिंग शुक्रवार को भी होगी। रिपोर्ट अनुसार, मीटिंग में 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी के वेन्यू पर डिस्कशन नहीं होगा। टी-20 वर्ल्ड कप खत्म होते ही चैंपियंस ट्रॉफी का मुद्दा गरमाने लग जाएगा, क्योंकि टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान को मिली है और 2 बार की चैंपियन टीम इंडिया ने पॉलिटिकल कारणों के चलते यहां जाने से मना कर दिया है।
भारत के मना करने के बाद ही पिछले एशिया कप को पाकिस्तानी की मेजबानी में श्रीलंका में कराना पड़ा था। भारत ने फाइनल समेत अपने सभी मैच श्रीलंका में ही खेले थे। टीम इंडिया ने टूर्नामेंट जीता भी था, जबकि मेजबान पाकिस्तान फाइनल में भी नहीं पहुंच सका था। टेस्ट क्रिकेट में ओवर रेट पूरा नहीं करने पर टीमों के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में पॉइंट्स काट लिए जाते हैं।
टी-20 वर्ल्ड कप से परमानेंट होगा रूल
आईसीसी ने फैसला किया है कि जून में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के साथ स्टॉप क्लॉक रूल परमानेंट हो जाएगा। अगर बैटर या डीआरएस के कारण ओवर शुरू करने में देरी हुई तो अंपायर के पास स्टॉप क्लॉक को रोकने का अधिकार भी होगा, ताकि फील्डिंग टीम पर बगैर गलती के पेनल्टी न लगे।
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने दिसंबर 2023 में स्टॉप क्लॉक रूल का ट्रायल शुरू किया था। तब इसे टी-20 फॉर्मेट में ही अप्लाय किया गया। वेस्टइंडीज और इंग्लैंड ने इस रूल के साथ पहला मैच खेला। इस साल के अप्रैल तक रूल का ट्रायल होना था, लेकिन अच्छे नतीजों को देखते हुए आईसीसी ने मार्च से ही इसे परमानेंट करने का फैसला कर लिया।
आईसीसी के बोर्ड मेंबर्स इस वक्त दुबई स्थित हेडक्वार्टर में मीटिंग कर रहे हैं। इसी मीटिंग में स्टॉप क्लॉक रूल को परमानेंट बनाने का फैसला किया गया। यह सिर्फ टी-20 ही नहीं, आईसीसी के वनडे फॉर्मेट में भी लागू होगा। दोनों ही फॉर्मेट में टाइम मैनेज करने के लिए इसे लाया गया।
कंट्रोल रूम से काउंटडाउन
फील्ड अंपायर 60 सेकेंड में ओवर शुरू करने के लिए 2 बार वॉर्निंग देगा। तीसरी बार गलती करने के बाद बॉलिंग टीम पर 5 रन की पेनल्टी लगेगी। ऐसे में पारी में हर तीसरी गलती पर बॉलिंग टीम पर 5 रन की पेनल्टी लगती जाएगी। यानी एक वनडे पारी में अगर किसी टीम ने 9 बार ओवर शुरू करने में 60 सेकेंड से ज्यादा का समय लिया तो बैटिंग टीम के खाते में 15 रन जुड़ जाएंगे।
ओवर खत्म होने पर मैदान में लगी टीवी स्क्रीन पर 60 सेकेंड का काउंटडाउन शुरू हो जाएगा। थर्ड अंपायर कंट्रोल रूम से इसे शुरू करेगा। 60 सेकेंड का टाइम पार होने पर फील्ड अंपायर फील्डिंग टीम के कप्तान को वॉर्निंग देगा और हर वॉर्निंग का ध्यान भी रखेगा।
यह बिलकुल उस तरह होगा, जैसे इन दिन डीआरएस लेने के लिए दोनों ही टीमों को 15 सेकेंड का टाइम मिलता है। अपील होने के बाद थर्ड अंपायर स्टॉप क्लॉक शुरू कर देता है, जो मैदान की स्क्रीन पर नजर आती है। इसी को देखकर खिलाड़ी रिव्यू लेने के बारे में फैसला करते हैं।