भारत ने 45वें चेस ओलंपियाड (45th Chess Olympiad) के फाइनल राउंड में अजरबैजान को हराकर महिलाओं की श्रेणी में अपना पहला गोल्ड मेडल जीता। अंतिम दौर में दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल और हरिका द्रोणवैली ने जीत हासिल की, जबकि आर. वैषाली ने अपने मैच को ड्रॉ किया। भारत की सफलता में अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण रही, जिसने खिताब की दौड़ में शामिल कजाकिस्तान को 2-2 के स्कोर पर रोका।
कजाकिस्तान को भारत के पीछे दूसरे स्थान पर रहकर सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा, जबकि अमेरिका ने ब्रॉन्ज़ मेडल जीता। भारत ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और अनुभवी अभिजीत कुंडे की अगुवाई में टीम ने 11 में से 9 राउंड में जीत हासिल की, जबकि केवल एक राउंड पोलैंड के खिलाफ हारी।
शतरंज ओलंपियाड का फाइनल राउंड
भारत पहले सात राउंड में अजेय रहा, लेकिन पोलैंड के खिलाफ 1.5 – 2.5 से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने नौवें राउंड में अमेरिका के साथ 2-2 का ड्रॉ खेला।
भारतीय प्रशंसकों के लिए यह एक विशेष पल था, क्योंकि पुरुष टीम ने 45वें ओलंपियाड में अपना पहला गोल्ड मेडल भी जीता। इसके साथ ही, भारत ने गापरिंडाशविली ट्रॉफी भी अपने नाम की, जो ओपन और महिला वर्गों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीम को दी जाती है। बता दे कि 45वें शतरंज ओलंपियाड का आयोजन हंगरी में किया गया था।