
जैसलमेर (Jaisalmer) माता-पिता की सेवा ही सच्चा धर्म है ये उद्गार संत कमल भारथी के चातुर्मास समाप्ति पर आईदान राम प्रजापत की ढ़ाणी में सोमवार को आयोजित मंगल कामना समारोह में जुना अखाड़ा के मंहत खरटिया मठ बाड़मेर व बालेटा धाम के मठाधीश निरजंन भारथी ने व्यक्त किए।
सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में बढ़ रहे नशों की प्रवृति से आज के युवा बरबाद हो रहे है और समाज पतन की ओर जा रहा है जिससे समाज व परिवार में बिखराव हो रहा है। उन्होने कहा कि चातुर्मास केवल एक परमपरा नहीं ब्लकि आत्मशुद्धि. आत्मसंयम एवंम आत्मबल प्राप्त करने की एक दिव्य साधना है।
इस अवसर पर संत कमल भारथी महाराज, गंगानगर से पधारे मंहत शीतलगिरी व कमल भारथी के शिष्य नारायण भारथी, उमा महेश आश्रम वैशाखी के अध्यक्ष सुजानसिंह हड्डा, कोषाध्यक्ष खेताराम सुधार, समाज सेवी वीरसिंह हड्डा व भक्त आम्बाराम बोरावट कनोई मंचासीन थे।
खेताराम व राजूराम प्रजापत द्वारा संतो का माल्यापर्ण व शाल उढ़ाकर का स्वागत किया गया इस अवसर पर काठोड़ी चातुर्मास पर आयोजित रात्री जागराणों के लाभार्थियों का संत निरजन भारथी द्वारा माल्यापर्ण कर आर्शिवाद प्रदान किया। इस अवसर पर उमा महेश सन्यास आश्रम वैशाखी के सहमंत्री प्रागाराम बोरावट, पूर्व उपाध्यक्ष घेवरराम बोरावट, पूर्व कोषाध्यक्ष देवीलाल सुथार सहित काठोड़ी ग्राम के ग्रामवासी व आश्रम से जुड़े सैकड़ों भक्तजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सतीश दुगट ने किया व राजूराम प्रजापत ने आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट- कपिल डांगरा
