
भीलवाड़ा (शहर के रामद्वारा में सजंय कॉलोनी निवासी सामरिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञानयज्ञ के छठवें दिन बुधवार को कथावाचक रामस्नेही संत हरशुकराम ने कथा में कंस वध, द्वारिका गमन, रूकमणी विवाह आदि प्रसंगो का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान के सामने घमंड किसी का नहीं चलता है। भगवान एक पल में हर व्यक्ति का घमंड तोड़ देते हैं। कितना ही बड़ा विद्वान और तपस्वी हो घमंड करने पर भगवान उसके घमंड को चूर-चूर कर देते हैं। रावण का घमंड भगवान श्री राम ने चूर-चूर किया। कंस का घमंड भगवान श्री कृष्ण ने चूर-चूर किया। संत हरशुकराम ने रुक्मणी विवाह प्रसंग में कहा कि यह प्रसंग सच्चे प्रेम, भक्ति और भगवान पर अटूट विश्वास का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि जो भक्त सच्चे हृदय से भगवान को पुकारते हैं, भगवान उनकी रक्षा अवश्य करते हैं और उनकी इच्छा पूर्ण करते हैं। आयोजक परिवार के रतनलाल सामरिया ने बताया कि कथा में बालमुकन्द तोषनीवाल, अंशुल तोषनीवाल शाहपुरा ने संत श्री का माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया। अंत मे प्रसाद वितरण किया गया। मंच संचालन महावीर पोरवाल ने किया।