Bhilwara। दीपों का महोत्सव दिवाली के त्यौहार की शुरुआत धनतेरस से होती है और धनतेरस पर लोग अपने घरों में चांदी के सिक्के और बर्तन खरीद कर लाते हैं। लेकिन मेवाड़ में धनतेरस के दिन कुछ अलग ही परंपरा निभाई जाती है। भीलवाड़ा में महिलाएं सूर्य उदय होने से पहले घर से खाली बर्तन लेकर निकलती हैं और एक स्थान पर पहुँच कर मिट्टी की पूजा अर्चना कर मिट्टी को धन के रूप में अपने साथ घर ले आती हैं। बाद में लक्ष्मी माता की पूजा के स्थान पर इस मिट्टी का लेप किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मिट्टी में लक्ष्मी का वास होता है जितनी मिट्टी घर लाई जाएगी घर में उतनी ही धन की वर्षा होगी और भीलवाड़ा में यह कई वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी परंपरा चली आ रही है।
कई सालों से मिट्टी ला रही महिला सुनीता शर्मा ने कहा कि परंपरा हम कई सालों से निभाते हुए आ रहे हैं और हमारी आने वाली पीढ़ी बहु बेटियों को भी यही सिख देते हैं। धनतेरस के पर्व पर हम सभी महिलाएं यहां पर मिट्टी लेने आए हैं हम इस मिट्टी को धन का प्रतीक मानते हैं। क्योंकि पौराणिक काल में मिट्टी से अपने घर को बनाया जाता था और उसे दौर में पीली मिट्टी से अपने घर का शुद्धिकरण किया जाता था ऐसे में कहा जाता है कि पीली मिट्टी में लक्ष्मी मां विराजित होती है यह परंपरा कई सदियों से चली आ रही है। हम भी यह परंपरा निभा रहे हैं। महिलाएं मिट्टी पूजने के लिए घर से पूजा का सामान लेकर निकलती हैं। रास्ते में वे एक स्थान पर रुककर स्वास्तिक का चिन्ह बनाती है और माता रानी से प्रार्थना करती है कि धन के रूप में हमारे साथ चलो करती हैं। फिर मिट्टी का पूजन कर उसे घर ले जाती हैं। मिट्टी को पूजने के लिए महिलाएं दीपक, कुमकुम, जल, अगरबत्ती और धान के रूप गेहूं लेकर जाती हैं और मिट्टी की पूजा करती हैं।
पहली बार पूजा करने आई नव विवाहिता अनुष्का तिवारी ने कहा कि आज हम पहली बार धन की लक्ष्मी के रूप में पीली मिट्टी को लेने के लिए आए हैं इसके लिए हम हमारे घर से खाली बर्तन लेकर सूर्य उदय होने से पहले निकलते हैं और एक स्थान पर पहुंचते हैं जहां पीली मिट्टी की पूजा अर्चना करते हैं और इस दौरान हर माता रानी से प्रार्थना करते हैं कि धन के रूप में आप हमारे साथ हमारे घर चलो और बाद में हम पीली मिट्टी को बर्तन में भरकर घर लेकर जाते हैं ऐसी मान्यता है कि जितना धन यानी की पीली मिट्टी हमारे घर ले जाएंगे उतनी ही घर में धान की वर्षा होगी क्योंकि इस पीली मिट्टी में लक्ष्मी माता का वास होता है। जागरूक टाइम्स के लिए भीलवाड़ा से पंकज पोरवाल की रिपोर्ट
रिपोर्ट – पंकज पोरवाल