
राजसमंद। कुछ समय पूर्व ग्राम पंचायत पसुन्द के राजस्व ग्राम मोरचना को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बिना किसी सूचना के नगर परिषद में लेने के प्रस्ताव तैयार किये गए थे जिसपर ग्रामवासियो ने कलेक्टरी में हज़ारों की संख्या में जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। जिसके बाद वह प्रस्ताव अगले ही दिन खारिज कर दिया गया था। ग्रामवासियो का कहना है कि मोरचना गाँव को फिर से टारगेट किया जा रहा है।
वर्तमान में चल रहे पंचायतों के परिसीमन के अंदर मोरचना ग्रामवासियो को अनावश्यक रूप से परेशान करने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत पसुन्द से हटाकर गाँव भगवांदा खुर्द के अंदर शामिल कर दिया गया। जिस हेतु ग्रामवासियो ने भारी नाराजगी जताते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया। जिसके बाद अधिकारियों के आदेशानुसार मोरचना पटवार मंडल के पटवारी व भु-राजस्व निरीक्षक द्वारा समस्त ग्रामवासियो को एकत्रित करके ग्रामवासियो से उक्त परिसीमन के प्रस्ताव के बारे में चर्चा की गई।
जिस पर ग्रामवासियो ने पसुन्द पंचायत से अलग होकर गाँव भगवांदा खुर्द में शामिल होने के लिए स्पष्ट रूप से मना करते हुए यथावत रखने की मांग की । जिसके बाद भु-राजस्व निरीक्षक व पटवारी द्वारा मौका पर्चा तैयार किया गया जिसपर जिस पर ग्रामवासियों ने हस्ताक्षर और अंगूठा लगाकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
ग्रामवासियों ने ये भी बताया कि प्रशासन द्वारा यह प्रस्ताव बनाने से पूर्व 17 मार्च को समस्त ग्रामवासियों ने कलेक्टर और उपखंड अधिकारी को लिखित में ज्ञापन देकर मोरचना गाँव को पसुन्द पंचायत से अलग करने के विरोध में आपत्ति दर्ज कराई थी। जिसमे ग्राम मोरचना के कुल 1007 वोटर में से 874 वोटरों ने इस प्रस्ताव के विरोध में हस्ताक्षर व अँगूठा लगाकर विरोध जताया। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा यह प्रस्ताव तैयार किया गया।
साथ ही ग्रामवासियों ने एक स्वर में चेतावनी दी कि अगर प्रशासन द्वारा ग्रामवासियों को बेवजह युही परेशान किया जाता रहा एवं इस प्रस्ताव को खारिज नही किया गया तो हज़ारो की संख्या में राजसमन्द कलेक्टरी पर धरना किया जाएगा। आने वाले चुनावों में पूर्णतया चुनाव बहिष्कार जैसी कोई भी स्तिथि उत्त्पन्न होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और राजनेताओं की होगी।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह