राजसमन्द (Rajsamand) आलोक स्कूल राजसमन्द के महाराणा प्रताप सभागार में उत्कर्ष दिवस हर्षोल्लास व रंगारंग कार्यक्रमों के साथ मनाया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक डॉ प्रदीप कुमावत, श्रीमती कान्ता कुमावत, प्रशासक मनोज कुमावत , विद्या कुमावत, प्राचार्य ललित गोस्वामी, सहायक प्रशासक ध्रुव कुमावत, श्रीमती पूर्वाई कुमावत ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया ।कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन प्राचार्य ललित गोस्वामी ने दिया । सभी अतिथियों को उपरणा पहनाकर अभिनंदन किया । इस अवसर पर सभागार छात्र छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रमों की भव्य रूप से प्रस्तुतियां दी । कक्षा 8 के विद्यार्थियों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया । कक्षा 1 व 2 के नन्हें विद्यार्थियों ने स्वागत नृत्य व कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों ने श्री रामकथा थीम पर लघु नाट्य नृत्य प्रस्तुति व कक्षा 3 से 5 के विद्यार्थियों ने सदाबहार गीतों पर अपने मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में समां बांध दिया । कक्षा 10 के छात्र भूमित नंदवाना ने निदेशक डॉ प्रदीप कुमावत के शिक्षा, समाज, देश व अध्यात्म के क्षेत्र में दिए जा रहे योगदान पर स्वरचित कविता की प्रस्तुति दी ।निदेशक डॉ प्रदीप कुमावत ने अपने जन्मदिन पर आयोजित उत्कर्ष दिवस पर मिली शुभकामनाओं के लिए सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए सभागार में बच्चों को संबोधित करके कहा कि हर विद्यार्थी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए । श्री राम की तरह एक आदर्श पुत्र, शिष्य, सखा, सेवक व पिता की तरह संस्कार अपनाकर अपने जीवन को उत्कर्षमय बनाये । आलोक हमेशा से ही सभी विद्यार्थियों को अच्छे संस्कारों व मूल्यों से जोड़कर रखता है । किसी को शुभकामना देने या ईश्वर की प्रतिमा पर कोई हार या माला पहनाते है तो मन मे यह भाव आता है कि हमने अपनी हार को ईश्वर को समर्पित कर दी और अपने लिए जीत का आशीर्वाद मांग लिया है । एक आदर्श विद्यार्थी के रूप में संस्कारित बनकर अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद अच्छे नागरिक के रूप में समाज व देश की सेवा करने का संकल्प ले।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत
