
भीलवाड़ा (Bhilwara) आरवीआरएस (R.V.R.S) मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग 5वां राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह (दवा निगरानी सप्ताह) बड़े उत्साह और सक्रिय भागीदारी के साथ मना रहा है। इस सप्ताह का उद्देश्य दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों (एडीआर) की रिपोर्टिंग के महत्व को उजागर करना और दवाओं के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना है। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. वर्षा अशोक कुमार सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. एच.एस. सहवाल (सेवानिवृत्त पीएमओ और विशिष्ट अतिथि), विभाग प्रमुख डॉ. महिमा माखीजा, डॉ. अनामिका यादव, डॉ. हरदीप राजहरिया (रेजिडेंट), तकनीकी सहयोगी किशन कीर और फार्माेकोलॉजी स्टाफ सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आपकी सुरक्षा, बस एक क्लिक दूर पीवीपीआई को रिपोर्ट करें की थीम पर आधारित इस सप्ताह में कई रचनात्मक और शैक्षणिक गतिविधियां आयोजित की गईं। छात्रों ने इस थीम पर आधारित रंगोली बनाकर अपनी जागरूकता प्रदर्शित की। एक निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने एडीआर रिपोर्टिंग प्रणालियों की आवश्यकता और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव पर अपने विचार व्यक्त किए। इसके अलावा, एक ई-पोस्टर प्रतियोगिता भी हुई, जिसमें छात्रों ने अभिनव विचारों को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम का एक प्रमुख हिस्सा फैकल्टी और विभिन्न विभागों के डॉक्टरों के लिए आयोजित जागरूकता अभियान था। उन्हें एडीआर रिपोर्टिंग के महत्व और फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया (पीवीपीआई) में योगदान देने के तरीकों के बारे में बताया गया। डॉक्टरों को टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (1800-180-3024), ईमेल (चअचप.पचब/हवअ.पद), एडीआर फॉर्म जमा करने और ऑनलाइन पोर्टल व पीवीपीआई ऐप जैसे विभिन्न रिपोर्टिंग तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। इस अभियान ने यह याद दिलाया कि दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों की समय पर रिपोर्टिंग करना रोगी सुरक्षा और प्रभावी उपचार के लिए एक सामूहिक जिम्मेदारी है। सप्ताह भर चलने वाले इस आयोजन से रचनात्मकता, सीखने और पेशेवर जागरूकता का अद्भुत संगम पेश हो सकेगा। कार्यक्रम ने न केवल छात्रों और डॉक्टरों के ज्ञान को बढ़ाया, बल्कि सुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में जिम्मेदारी की संस्कृति को भी बढ़ावा दिया।
रिपोर्ट – पंकज पोरवाल