
विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने मोही सरकार की डिजिटल क्रांति की प्रशंसा करते हुए कहा कि गरीबों, वंचितों और हाशिए पर पड़े वर्गों को लाभ पहुंचाने के डिजिटल क्रांति और तकनीक एक सशक्त माध्यम बन गई है । डिजिटल क्रांति, लगभग हर नीति-निर्माण और जन कल्याणकारी योजना के क्रियान्वयन में शामिल हो गई है, जिसमें गरीबों, वंचितों और हाशिए पर पड़े वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए विस्तृत योजनाएं बनाई गई हैं ।प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाने से लोगों को अनगिनत लाभ हुए हैं । विधायक ने कहा कि , “सेवा वितरण और पारदर्शिता को काफी बढ़ावा मिला है। डिजिटल इंडिया पहल ने पिछले दशक में देश के विकास और प्रगति के तरीके को नया आकार दिया है। शासन व्यवस्था पारदर्शी और हर नागरिक के लिए सुलभ हो गई है, जबकि इसने आम नागरिक के लिए बड़े पैमाने पर अवसर भी खोले हैं। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) मोदी सरकार की सबसे बड़ी पहचान है क्योंकि इसने करोड़ों गरीब परिवारों तक जन कल्याण निधि और योजनाओं की निर्बाध और रिसाव-मुक्त डिलीवरी सुनिश्चित की है। आज, गांवों में इंटरनेट सेवाओं की पहुंच है, जबकि डिजिटल भुगतान प्रणाली भी ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच रही है। पेंशन धारियो के लिए जीवन प्रमाण योजना के तहत, मानव जीवन में गरिमा लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया। जीवन प्रमाण पत्र ने परेशानी मुक्त डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रदान करके पेंशनभोगियों के लिए जीवन को सरल बना दिया है। आज, 10 करोड़ से ज्यादा पेंशनभोगी पंजीकृत हैं, जिसका मतलब है कि अब उन्हें व्यक्तिगत रूप से “जीवन प्रमाण पत्र” देने के लिए बैंकों में जाने की जरूरत नहीं है। नवंबर 2024 से अब तक 143 लाख से ज्यादा ‘डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र’ जमा किए जा चुके हैं। डिजिलॉकर, एक ऐसा एप्लीकेशन जो दस्तावेजों को ऑनलाइन संग्रहीत करने की सुविधा देता है, ने कागज रहित शासन को मजबूत प्रोत्साहन दिया है। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, देश में 52 करोड़ से अधिक पंजीकृत डिजिलॉकर उपयोगकर्ता हैं, जिनके पास 852 करोड़ से अधिक दस्तावेज जारी किए गए हैं ।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत