
जैसलमेर। डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती (Dr. Bhimrao Ambedkar Jyanti)के पावन अवसर पर रविवार (13 अप्रैल 202) को स्थानीय महाविद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा एक प्रेरणादायक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य डॉ. अंबेडकर के सामाजिक विचारों, उनके संघर्षों और उनके द्वारा प्रतिपादित समानता व न्याय के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुँचाना था। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसकी अध्यक्षता डॉ. लक्ष्मी नारायण नागोरी ने की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में खेवराराम गर्ग और पूराराम तथा मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संचालक विजयानंद उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता विजयानंद ने अपने संबोधन में डॉ. अंबेडकर के जीवन, शिक्षा, सामाजिक योगदान और उनके क्रांतिकारी विचारों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय के माध्यम से भारत को एक नई दिशा दी। आज की पीढ़ी को चाहिए कि उनके विचारों को आत्मसात कर सामाजिक समरसता की ओर अग्रसर हो।”
गोष्ठी में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और समाजसेवियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि वे डॉ. अंबेडकर के विचारों को समाज में प्रसारित करेंगे और सामाजिक बदलाव की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। वक्ताओं ने यह भी कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता नहीं थे, बल्कि वे सामाजिक चेतना के अद्वितीय प्रणेता थे, जिनका योगदान सदियों तक स्मरणीय रहेगा।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा