भीलवाड़ा। श्री रामलीला कमेटी की ओर से आजाद चैक में रामलीला मंचन के दूसरे दिन दशरथ के हाथों श्रवण का मरण हो गया। यह दृश्य देखकर दर्शकों की आंखे नम हो गई। स्थानीय कलाकारों ने इसके अलावा सरयू तट पर श्रवण कुमार का राजा दशरथ के हाथों मरण, ऋषि शान्तनु व ज्ञानवती द्वारा दशरथ को श्राप, रावण, कुंभकरण, विभिषण की तपस्या, कुबेर, साधु संतो पर रावण का अत्याचार, पृथ्वी व संत समाज व देवताओं की रावण के अत्याचारों से मुक्ति के लिए भगवान हरि से प्रार्थना, भगवान हरि का पृथ्वी पर अवतार लेने का आश्वासन देना आदि प्रसंगों का स्थानीय 35 कलाकारों की टीम ने बेहतरीन मचन किया। मंचन में दर्शाया गया कि श्रवण कुमार अपने माता-पिता को बैठाकर कंधे पर उठाए हुए यात्रा करने लगे।
एक दिन वे अयोध्या के समीप वन में पहुंचे। वहां रात्रि के समय माता-पिता को प्यास लगी। श्रवण कुमार पानी के लिए अपना तुंबा लेकर सरयू तट पर गए। उसी समय महाराज दशरथ भी वहां आखेट के लिए आए हुए थे। श्रवण कुमार ने जब पानी में अपना तुंबा डुबोया, दशरथ ने समझा कोई हिरन जल पी रहा है। उन्होंने शब्दभेदी बाण छोड़ दिया। बाण श्रवण कुमार को लगा और श्रवण कुमार की मौत हो गई। कमेटी में मंचन के मुख्य निर्देशक नंदकिशोर जीनगर ने बताया कि मंचन आरती से शुरू हुआ।
आरती में अतिथि के रूप में अशोक पोखरना, मंजू पोखरना, पुष्पा मेहता समेत दर्शकगण शामिल हुए। सभी का अध्यक्ष पंडित गोविंद व्यास, कार्यकारी अध्यक्ष रामगोपाल सोनी, वरिष्ठ डायरेक्टर भैरूलाल सेन, कोषाध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने स्वागत किया। आगामी मंचन में रामजन्म, पुष्प वाटिका, रावण-बाणासुर संवाद, लक्ष्मण परशुराम संवाद, रामसीता विवाह, मंथरा-कैकेयी संवाद, कैकेयी-दशरथ संवाद, केवट प्रसंग, सीता हरण, बाली वध, रावण सीता संवाद, हनुमान रावण संवाद, रामेश्वरम स्थापना, अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण मूर्छा, कुंभकरण-मेघनाथ युद्ध, अहिरावण वघ, रावण वध, भगवान श्री राम का राज्याभिषेक आकर्षण का केन्द्र रहेंगे।
रिपोर्ट: पंकज पोरवाल