राजस्थान (Rajasthan) के जैसलमेर (Jaisalmer) में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के अवसर गुरुवार रात्रि को नगर के जेठा पाड़ा के हनुमान मंदिर में भगवान की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया। रात के समय चंद्रमा की रोशनी में खीर रखकर भगवान को भोग अर्पित किया गया। चंद्रमा के उदय के बाद खीर बनाई गई और चंद्रमा की रोशनी में रखी गई। इसके बाद भगवान को भोग लगाकर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर सुन्दर कांड का आयोजन किया गया जिसमें आशाराम सिंधी व अन्य पाठीयों द्वारा वातावरण राममय बना दिया।
आयोजन में डा. उमेश वंरगटीवार, चम्पालाल जेठा, रमेश चांडक, शिवलाल सेवक, डा. रामनरेश शर्मा, नारायण जेठा, अचलदास डांगरा, अमृत देया, लाभुराम प्रजापत, दीपक शर्मा, हेमंत शर्मा,भरत शर्मा, पुष्पा चांडक, मानकंवर डांगरा, शुशीला जेठा,ममता वैष्णव सहित अनेक भक्तजन उपस्थित रहे।
शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणों में रखी गई खीर का प्रसाद ग्रहण करने से कई बीमारियों का नाश होता है, विशेष रूप से एलर्जी से संबंधित बीमारियां। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्रमा अपनी किरणों से अमृत की वर्षा करता है, जिसके परिणामस्वरूप खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है और फिर भगवान को भोग लगाया जाता है। इस दिन के प्रसाद का विशेष महत्व होता है। जागरूक टाइम्स के लिए जैसलमेर से कपिल डांगरा की रिपोर्ट
रिपोर्ट – कपिल डांगरा