Revdar। पेंशनर्स के हितों पर कुठाराघात को लेकर सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2026 को वापस लेने के सम्बन्ध में उपखंड अधिकारी सुबोध सिंह चारण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम ज्ञापन सौंपा गया। पेंशनर्स द्वारा कंकू तारा पेंशनर्स भवन से उपखंड कार्यालय तक पेंशनर्स के हितों में रैली का आयोजन किया गया जिसमे पेंशनर्स के हितों में नारे लगाते हुए रैली उपखंड कार्यालय पहुंची, जहां पर उपखंड अधिकारी सुबोध सिंह चारण को सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2026 के विरुद्ध नारे लगाकर ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया कि केंद्र सरकार ने पेंशनर्स को 8 वें वेतन आयोग के लाभ से वंचित करने व पेंशनरों को तिथि के आधार पर वर्गों में बाँटकर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है साथ ही डी. एस. नकारा मामले में दिनांक 17 दिसंबर 1982 के सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के ऐतिहासिक निर्णय को चुनौती दी है। राजस्थान पेंशनर समाज इस हिटलरशाही वित्त विधेयक का घोर विरोध करता है, क्योंकि 7वीं सीपीसी जिसे 01 जनवरी 2016 से पहले और बाद में सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों के बीच समानता बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा स्वीकार किया गया था, यह विधेयक इस प्रकार की समानता को खत्म कर रहा है।
इसके अलावा जब से 8 वीं सीपीसी की घोषणा की गई है, देश भर के पेंशनभोगी अपने पेंशन संशोधन और 01 जनवरी 2026 से पहले सेवानिवृत्त हुए पेंशनभोगियों और 01 जनवरी 2026 (8वीं सीपीसी की सिफारिशों की अपेक्षित तिथि) के बाद सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनभोगियों के बीच समानता बनाए रखने के बारे में चिंतित हैं। वर्तमान निर्णय पेंशनभोगियों पर एक बड़ा झटका है और इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार करने और इसे वापस लेने की आवश्यकता है।
पेंशनर्स उप शाखा रेवदर के अध्यक्ष हंसाराम पुरोहित ने बताया कि राजस्थान पेंशनर समाज के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर राजस्थान पेंशनर समाज की हमारी उप शाखा केंद्र सरकार के इस निर्णय का घोर विरोध करते हुए उन्हें इस विधेयक पर पुनर्विचार कर पेंशनरों के हित में निर्णय लेने का अनुरोध किया है। इस दौरान दर्जनों पेंशनर्स मौजूद रहे।
रिपोर्ट – विक्रम कुमार डाबी