Rajsamand : सृष्टि के सबसे बड़े देवता और कोई नहीं आपके माता-पिता ही हैं: Pandit Shastri

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राजसमंद (Rajsamand)गीगा खेड़ा कोटड़ी भीलवाड़ा के भागवत कथा प्रवक्ता पंडित मुकेश शास्त्री (Pandit Shastri) ने कहा कि व्यक्ति का धर्म उसके घर से निकलता है। माता-पिता का यह कर्तव्य है कि जब घर में संतान हो तो उसे उसके धर्म के बारे में बताया जाए। वे नांदोली में कैलाश चंद्र गहलोत परिवार की ओर से सूरजकुंड आश्रम कुंभलगढ़ के महंत अवधेश चैतन्य के सानिध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव में श्रद्धालुओं को उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने धर्म के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि व्यक्ति घर से बाहर निकले तो अपने माता-पिता को प्रणाम करके निकले यह धर्म है और यदि भोजन करता है तो पहले उसे प्रणाम करे यह भी धर्म है। वहीं सुबह उठकर घर में सभी बड़ों को प्रणाम किया जाए यह भी धर्म है। यह धर्म अगर घर में सिखाकर ही बच्चों को बाहर भेजा जाए तो वह निश्चित ही किसी दूसरे धर्म में जा नहीं सकते। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के धर्मांतरण से श्रद्धा के टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में मां-बाप अपने बच्चों को धर्म के विषय में बताना भूल रहे हैं यही कारण है कि आज के समय में धर्मांतरण का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, जिसे बच्चों को संस्कार देकर घर से ही रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे बड़ा धर्म सनातन धर्म ही है। उन्होंने कहा कि इस सृष्टि में सबसे बड़े देवता आपको जन्म देने वाली माता-पिता है, जिन्हें छोड़कर अन्यत्र चले जाना अनुचित है। उन्होंने कहा कि अगर आपके माता-पिता आपसे प्रसन्न नहीं है तो इस पृथ्वी का कोई भी देवता आप पर प्रसन्न नहीं हो सकता। उन्होंने प्रथम पूज्य गजानन देवता की ओर से धरती की परिक्रमा के रूप में माता-पिता की परिक्रमा करने पर कहा कि गणेश जी ने भी इसके माध्यम से यही संदेश दिया है की धरती पर माता-पिता से बड़ा कोई नहीं। होने कहा कि प्रथम वंदनीय माता-पिता और गुरु हैं और उनके बाद सूर्यनारायण हैं, जो आप कैसे भी हो आपको प्रकाश देते हैं और उनके बाद चंद्रमा पूजनीय है। उन्होंने मां के धर्म पर चर्चा करते हुए कहा कि मां का धर्म है कि वह अपनी संतान को अपने हाथ से बना भोजन करवाए। उन्होंने का टैक्स करते हुए कहा कि आजकल की माता है तो जोमैटो पर आर्डर कर देती है, तो फिर संतान में लक्षण किसके आएंगे मां के या जोमैटो के। उन्होंने कहा कि कहते हैं कि बच्चा कहना नहीं मानता तो वह कहना किसका मानेगा जिसके हाथ का अन्न खाएगा उसका ही तो मानेगा। उन्होंने कहा कि मां के हाथ का भोजन और ब्राह्मण के हाथ का तिलक दोनों ही दुर्लभ हैं। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण ही है,जो आपके यशस्वी होने का आशीर्वाद दे सकता है। उन्होंने कहा कि आप कितने भी उच्च कुल के हों दूसरे धर्म में आपको हमेशा भय बना रहेगा। कथा के दौरान आजकांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष हरिसिंह राठौड़, पूर्व जिला प्रमुख नारायण सिंह भाटी, पूर्व प्रधान शांतिलाल कोठारी, नगर परिषद राजसमंद से पार्षद मांगीलाल टांक ,भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष मानसिंह बारहट, उप प्रधान सुरेश कुमावत एवं गोपाल कृष्ण पालीवाल का व्यासपीठ से सम्मान किया गया।

रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत

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