
राजसमंद (Rajsamand) नौगामा में मार्मिक प्रसंगों के साथ हुआ तेजाजी खेल का समापन उमड़ा जनसैलाब। समीपवर्ती गांव नोगामा में समस्त ग्राम वासियों द्वारा आयोजित हो रहे 66 तेजाजी महाराज के खेल का मार्मिक प्रसंग के साथ समापन हुआ। खेल मंडल के मोडीराम एवं मगनलाल ने बताया कि इस वार्षिक जागरण के अंतिम दिन की शुरुआत रात 8 बजे गणपति वंदना के साथ हुई।इसके बादवीर तेजाजी महाराज के जीवनपर आधारित विभिन्न वृतांत तेजाजी द्वारा लाच्छा गुजरी, के वहां रुकना मीणा द्वारा गुजरी की गायों का चोरी करना वीर तेजाजी द्वारा गो रक्ष के रूप में गायों .को छुड़ाकर वापस लाना तेजाजी का अपने साथिडा से बि छड़ना तेजाजी द्वारा वापस वासकराज की बम्बी पर जाना वासक राज द्वारा तेजाजी को डासना तेजाजी की पत्नी पेमल, का सती होना आदि किये गये। तेजाजी द्वारा से लड़ने के वृतांत पर उपस्थित दर्शको मे जोश भर दिया की किस तरह अकेले तेजाजी ने 350 से लड़ते हुए बहादुरी का परिचय दिया और गायों को छुड़ाकर ले आये। तेजाजी का अपने साथिडे खेमा से बिछुड़ाते समय खेमा द्वारा गया गया गीत”आखरी प्रणाम दादा खेमा का लिजयों सा” मार्मिक प्रसंग पर दर्शक भाव विभोर हो गए एवं तेजाजी अपने अंतिम समय में गाई गई लावणी”सभा का सुन जो नर नारी,करमगत टरती नहीं टारी”पर उपस्थितदर्शन करूण रुदन पर मजबूर हो गए। खेल केअंतिम दिन कितने मार्मिक प्रसंग हुए की वहां मौजूदहर किसी शख्स की आंख में आंसू नजर आ रहे थे सुबह 5 तक चले इस खेल में दर्शनअंतिम समय तक डटे रहे। सुबह 5 महा आरती के बाद इस खेल का समापन हुआ।
खेल को देखने के लिएआस पास के कुमारिया खेड़ा नमाना ,एमडी, भाटोली ,खेडाणा ,रकमगढ़, बामनहेडा ,सांगा का खेडा, सहित आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा जिससे पंडाल छोटा पड़ गया। इस दौरान पारसमणी , शांतिलाल कुमावत, किशन लाल मदनलाल, मांगीलाल, भगवान लाल ,शंकर लाल ,कन्हैया लाल ,सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत
